Chanakya Hostel Fire: पीएमसीएच के चाणक्य हॉस्टल के रूम में लगी आग तो बुझ गई लेकिन उस आग में जले हुए सबूत बता रहे हैं कि यहां से किसी बड़ी धांधली को अंजाम दिया जा रहा था. परीक्षा में स्कॉलर बैठाया जा रहा था और बदले में मोटी रकम ली जा रही थी. आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी के ओएमआर शीट और प्रवेश पत्र आखिर पीएमसीएच के चाणक्या हॉस्टल के रूम में क्या कर रहे थे. उसके साथ लाखों रुपये के जले नोट, मोबाइल और टैब के अलावा दारू की बोतलें आदि मिली हैं. रूम में रहने वाला मेडिकल छात्र अजय कुमार सिंह फरार हो गया है. पुलिस उसे पकड़ने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि अजय कुमार सिंह हॉस्टल से इतनी बड़ी धांधली को अंजाम देता रहा और न हॉस्टल प्रशासन और न ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन को इस बात की भनक लगी. एक सवाल यह भी है कि क्या कॉलेज के कुछ लोग अजय कुमार सिंह को शह दे रहे थे? इसके अलावा, क्या आग लगी थी या सबूतों को मिटाने के लिए लगाई गई थी?


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चाणक्या हॉस्टल के जिस रूम में आग लगी थी, वो रूम समस्तीपुर के अजय कुमार सिंह के नाम पर अलॉट था. इस रूम से 10-12 लाख के 500-500 और 100-100 के जले हुए नोट, नीट-पीजी के कई एडमिट कार्ड, आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी का एमबीबीएस के जले हुए ओएमआर शीट, शराब की बोतल के अलावा मोबाइल और टैब भी बरामद किए गए हैं. अजय कुमार सिंह 2022 में पीजी पास कर चुका है और छठी मंजिल पर रूम नम्बर 625, दूसरी मंजिल पर एक रूम (रूम नम्बर नहीं लिखा हुआ है) और ग्राउंड फ्लोर पर किसी दूसरे डॉक्टर के नाम पर अलॉट किया हुआ रूम कब्जाए हुए है. केयर टेकर अनिल कुमार ने कहा कि नोटिस चस्पा करने के अलावा कई बार रूम खाली करने काे कहा गया पर उसने रूम खाली नहीं किया. 


आरोप है कि अजय कुमार सिंह मोटी रकम लेकर एमबीबीएस और नीट यूजी में स्काॅलरों को बैठाता है. वह एमबीबीएस के इंटरनल एग्जाम में भी एमबीबीएस पास आउट काे बैठाकर मेडिकल स्टूडेंट काे पास कराता है. बताते हैं कि बुधवार काे अजय हाॅस्टल आया था और जूनियर डाक्टराें से उसकी मारपीट हुई थी. इसी बीच पीरबहोर थाना के अपर थाना अध्यक्ष अरुण कुमार, पीएसआई रोहित पासवान वहां पहुंचे और अजय कुमार सिंह को लेकर वहां से चले गए. वहां से अजय कुमार सिंह को छोड़ दिया गया.


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आपको पता हो कि पीएमसीएच के किसी भी डॉक्टर या मेडिकल छात्र को पुलिस डिटेन करती है तो कॉलेज प्रशासन को पूर्व में सूचित किया जाता है. इसके अलावा, डॉक्टर का आधार कार्ड या एडमिट कार्ड या आई कार्ड पुलिस अपने पास रखती है लेकिन पीरबहोर थाना पुलिस ने ऐसा नहीं किया बल्कि उसे बिना पीआर बांड के ही छोड़ दिया. पुलिस सूत्र बता रहे हैं कि जब पीरबहोर थाना प्रभारी ने कॉलेज प्रिंसिपल को फोन लगाया तब उन्होंने कहा कि अभी छोड़ दीजिए. कल मैं इसे देखता हूं.


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