Atul Subhash Suicide: अतुल सुभाष के माता-पिता से मिलीं सांसद शांभवी चौधरी, देखिए तस्वीरें
बिहार के समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद शांभवी चौधरी ने एआई इंजीनियर अतुल के परिवार से मुलाकात की. 23 दिसंबर, 2024 दिन सोमवार को वह समस्तीपुर के पूसा गांव में पहुंचकर परिवार के दुख में शरीक हुई.
सांसद शांभवी चौधरी
बिहार के समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद शांभवी चौधरी ने एआई इंजीनियर अतुल के परिवार से मुलाकात की. 23 दिसंबर, 2024 दिन सोमवार को वह समस्तीपुर के पूसा गांव में पहुंचकर परिवार के दुख में शरीक हुई. सांसद शांभवी चौधरी ने परिवार से मुलाकात की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट किया.
सांसद शांभवी चौधरी ने परिजनों से मुलाकात कर ढाढ़स बंधाया
सांसद शांभवी चौधरी ने लिखा कि स्व. अतुल सुभाष जी हमारे समस्तीपुर के पूसा के रहने वाले थे. आज उनके आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की और शोक-संतप्त परिजनों से मुलाकात कर ढाढ़स बंधाया. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें.
सरकार और उच्च अधिकारियों से मदद की उम्मीद थी
अतुल के पिता की मानें तो वो उच्चाधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं, लेकिन अब तक कुछ ठोस होता हुआ नहीं दिखा है. उन्होंने कहा कि सरकार और उच्च अधिकारियों से मदद की उम्मीद थी, जैसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से शिकायत की गई थी, लेकिन लगता है कि व्यस्तता के कारण उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया.
अब फिक्र अपने पोते व्योम की है
बता दें कि बेंगलुरू में पत्नी पर उत्पीड़न का आरोप लगा खुदकुशी करने वाले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के पिता पवन मोदी ने अपना दर्द साझा किया है. उनको अब फिक्र अपने पोते व्योम की है. उन्होंने बताया कि उनका पोता कहां है, किस हाल में है, कैसा है इसकी जानकारी नहीं है. पुलिस इस मामले के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही है.
मेरे पोते के साथ कोई अनहोनी हो सकती है
उन्होंने कहा कि पुलिस अगर चाहे तो उसके मोबाइल का उपयोग कर उसके लोकेशन का पता लगा सकती है, लेकिन अभी तक इस दिशा में किसी भी प्रकार का ऐसा कदम नहीं उठाया गया है. उन्हें आशंका है कि पोते के साथ कुछ गलत हो सकता है. बोले कि मेरे पोते के साथ कोई अनहोनी हो सकती है, जैसा कि उनके बेटे के साथ हुआ था. इसके बाद उसने आत्महत्या कर ली.
कानून का दुरुपयोग हो रहा है- अतुल के पिता
अतुल के पिता ने बताया कि उन्होंने अदालत का रुख भी किया था और सर्वोच्च न्यायालय से आदेश प्राप्त किया था, जिसमें सात तारीख तक तीन राज्यों की पुलिस को आदेश दिया गया था कि बच्चे को हाजिर किया जाए, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कानून का दुरुपयोग हो रहा है, विशेष रूप से महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों का, जिनका गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. यह पूरे समाज के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है और अब पुरुषों के पास अपनी बात रखने के लिए कोई जगह नहीं है.