Bihar Bridge Collapse: बिहार में लगातार पुल गिरने पर नींद से जागा प्रशासन! सारण DM ने कई पुलों का भौतिक सत्यापन किया
Saran News: प्रदेश में लगातार पुल गिरने का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है. इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने जनहित याचिका डाली गई है.
Saran News: बिहार में लगातार गिर रहे पुलों पर Zee News ने प्रदेश के जर्जर पुलों की रिपोर्ट दिखाई थी. इनमें कई पुल ऐसे हैं जो कभी भी धरासाई हो सकते हैं. जिसके बाद अब प्रशासन भी नींद से जागा है. सारण में पुल गिरने के बाद जिला प्रशासन नींद खुली. अब सारण के जिलाधिकारी अमन समीर और एसडीओ संजय कुमार ने जिले में गंडकी नदी पर बने कई पुलों का भौतिक सत्यापन किया. उन्होंने शीघ्र ही मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है. पुल गिरने को लेकर डीएम अमन समीर ने कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि नदी की सफाई करने वाली कंपनी ने सही से कार्य नहीं किया. सफाई करते समय पुलों को छति पहुंचाई गई. उन्होंने बताया कि सफाई कंपनी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए जांच टीम का गठन किया है. वहीं बनियापुर के सरैया में पुल निर्माण कंपनी पर जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच टीम का गठन किया है.
इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के साथ बैठक की थी. बैठक में सीएम ने पुलों के रखरखाव के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी बनाने का निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री ने पुलों के रखरखाव के लिए एक एसओपी तैयार करके सभी पुलों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित कराए का आदेश दिए थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जितने भी पुराने पुल हैं, उसकी स्थिति की जानकारी लें और स्थल पर जाकर निरीक्षण करें. सभी पुलों के रखरखाव के लिये उचित कार्रवाई करें. सीएम ने कहा था कि जो भी निर्माणाधीन पुल हैं, उसका निर्माण कार्य गुणवतापूर्ण तरीके से ससमय पूर्ण कराएं.
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उधर नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने लगातार गिर रहे पुल का ठीकरा तेजस्वी यादव पर फोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि ये विभाग डेढ़ साल पहले राजद के पास था और तेजस्वी यादव इसके मंत्री थे. जब से जेडीयू के पास यह विभाग आया, उसके बाद चुनाव था. तब 20 दिन का समय मिला. तो आप बताइए कि कौन इसका जिम्मेदार है ? जिम्मेवारी 20 दिन वाली पार्टी की है या डेढ़ साल से जिसके पास विभाग था उसकी? वहीं अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है. इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने जनहित याचिका डाली गई है. एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल करके पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की मांग की है.