Unnao Accident: शिवहर से दिल्ली जा रही बस उत्तर प्रदेश के उन्नाव में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गई. इस हादसे में अबतक 18 लोगों की मौत हो गई, जिसमें से 15 लोग बिहार के शिवहर और मोतिहारी के बताए जा रहे हैं. इस बस हादसे के बाद जो अहम खुलासे हो रहे हैं वो हैरान करने वाले हैं. दरअसल, मिली जानकारी के मुताबिक, बस के कागजों में दर्ज पता फर्जी निकला है. वहीं यह बस बिना परमिट और बिना बीमा के ही चल रही थी. प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह बस खेती किसानी करने वाले व्यक्ति के नाम से महोबा जिले में रजिस्टर्ड थी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानकारी के अनुसार, यह शिवहर के ही रहने वाले शिवनारायण सिंह की थी. वहीं दिल्ली का रहने वाला चंदन जायसवाल पहाड़गंज से बसों को संचालित करता था. अब इस मामले में आरटीओ अधिकारी बेहटा मुजावर थाने में बस मालिक के नाम पर एफआईआर (FIR) दर्ज कराएगी. इस बस का परिचालन टूरिस्ट परमिट के नाम पर किया जा रहा था यानी नियम के अनुसार इस बस के इंटर स्टेट चलाने का परमिट नहीं था. 


यह भी पढ़ें:शिवहर से निकले और गंगा के पास पहुंच गए यमलोक, पढ़िए हादसे की इनसाइड स्टोरी


नमस्ते बिहार नाम की इस बस की तस्वीर देखकर इसकी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह बिलकुल खटारा हालात में थी. बस की टूटी खिड़कियों पर कांच की जगह जुगाड़ के तौर पर प्लाइबोर्ड लगाए गए थे. बस में अन्य सुविधाओं का भी अभाव था. बस हादसे की शिकार के परिजन ने बताया कि बस के मालिक कई और बस चलवाते हैं, लेकिन जब सफर शुरू करना होता है तो जानकारी नहीं होती है कि यात्रियों को खटारा बस में बिठा दिया जाएगा.


यह भी पढ़ें:Unnao Bus Accident: एक ही झटके में उजड़ गया पूरा परिवार, मोतिहारी के 13 लोगों की मौत


बता दें कि बिहार से दिल्ली जाने वाली अधिकांश बसों के पास इंटर स्टेट परमिट नहीं होता है. ये लोग परिवहन विभाग को कुछ पैसे देकर टूरिस्ट परमिट के नाम पर ही बसों का परिचालन करते हैं. बिहार से दूसरे राज्यों में जाने वाली प्राइवेट बसों में कानूनी पहलुओं का सही ढंग से पालन नहीं होता है. ऐसे में आए दिन बस दुर्घटना की खबर सामने आती रहती हैं. इससे पहले भी बिहार से यूपी और दिल्ली जाने वाली बस हादसों का शिकार हुई हैं.


रिपोर्ट: पंकज कुमार