नेपाल में हो रही भारी बारिश हो रही का असर अब बिहार पर दिखने लगा है. कोसी और गंडक समेत प्रदेश की कई नदियां बेहद आक्रामक हो गईं हैं. इससे बाढ़ का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है. बाढ़ से लाखों की आबादी प्रभावित हो रही है. वहीं दूसरी ओर बगहा में गंडक और सीतामढ़ी के बेलसंड और रून्नीसैदपुर में बागमती तथा शिवहर के छपरा में बागमती का तटबंध टूट गया. इससे तीनों जिलों के बड़े इलाके में बाढ़ का पानी फैल गया है और दर्जनों गांवों की हजारों की आबादी प्रभावित हुई है. बांध की मरम्मत के लिए जल संसाधन विभाग युद्धस्तर पर जुटा है. 


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उधर गंडक तटबंध के क्षतिग्रस्त होने से नाराज विभाग ने बगहा के बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता निशिकांत कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. उन पर जिला प्रशासन से उचित समन्वय नहीं बनाने का आरोप है. बता दें कि रविवार (29 सितंबर) की शाम अत्यधिक दबाव के कारण बगहा-1 में गंडक नदी के बाएं किनारे पर स्थित चंपारण तटबंध 4.50 किलोमीटर पर क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि बेलसंड प्रखंड के मधकाल गांव में बागमती नदी का बायां तटबंध 40 मीटर में क्षतिग्रस्त हो गया.


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बता दें कि नेपाल ने रविवार (29 सितंबर) की सुबह 5 बजे कोसी बराज, वीरपुर से करीब 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा है. यह 1968 के बाद सबसे ज्यादा है. आकाशवाणी पटना केंद्र द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कोसी और गंडक बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ की आशंका को देखते हुए 13 जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है. मधुबनी के जयनगर से गुजरने वाली कमला नदी सुबह खतरे के निशान से 36 सेमी ऊपर बह रही है. अच्छी बात ये है कि नेपाल में बारिश थम गई है. इसके चलते नेपाल प्रभाग स्थित बराह क्षेत्र में कोसी नदी के डिस्चार्ज में भी कमी देखी गई है.


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