अहमदाबादः बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली 12 साल की किशोरी निशु कुमारी मंडल एक महीने पहले इलाज के लिए अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में आयी थी. निशु को कॉम्प्लेक्स ब्लडर एट्रोपसी नामक बीमारी हुई थी. निशु को पेट में दो हड्डियों के बिच 10 इंच की जगह थी. इस वजह से यूरिन ब्लडर पेट के बाहर रहता था. और इस वजह से बच्ची को कई और समस्याcओं का सामना करना पड रहा था.


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निशु की समस्याएं प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी. पिछले एक साल से निशु को दिल्ली, जोधपुर जैसे कई शहरों के एम्स अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. लेकिन अहमदाबाद की सिविल अस्पताल में ही इस बच्ची का ऑपरेशन हो पाया.


डॉक्टरों ने निशु के पेट में बेकार हड्डी को काटा और बाकी हिस्से को जोड़ दिया. जिसके बाद निशु अब पहले से स्वस्थ है. 50 हजार बच्चों में से किसी एक बच्चे में इस तरह की बीमारी देखने मिलती है और बचपन में ही इस बीमारी के लक्ष्ण मालूम पड़ जाते है इस वजह से इसका इलाज संभव होता है.


लेकिन निशु के साथ समस्या यह थी कि उसकी उम्र 12 साल हो गयी थी और उसकी हड्डिया मजबूत हो गई थी. इस वजह से डॉक्टरों के लिए यह एक बड़ा चैलेंज था की हड्डी को काटने के बाद उसे जोड़ा कैसे जाए. निशु के ऑपरेशन के लिए 4 डॉक्टरों की टीम ने प्लान बनाकर आठ घंटो की मेहनत के बाद बच्ची की शारीरिक कमी को दूर कर दिया.
 
सिविल अस्पताल आने से पहले बच्ची के परिवारवालों ने एक निजी अस्पताल में भी डॉक्टरों से परामर्श लिया था. लेकिन निजी अस्पताल ने इस ऑपरेशन के लिए 6 लाख का खर्च बताया था. जो की दस हजार की इनकम वाले निशु के परिवार के लिए असंभव था. उसके बाद बच्ची के परिवार वाले उसे अहमदाबाद सिविल अस्पताल लेकर आए जहां डॉक्टरों ने बच्ची का सफल ऑपरेशन किया. इससे पहले भी इस अस्पताल में इस तरह के 112 ऑपरेशन हो चुके हैं. लेकिन 12 साल की उम्र वाली बच्ची का इस तरह का पहली बार सफल ऑपरेशन किया गया.