आशुतोष चंद्रा, पटना : लालू परिवार में बढ़ रहे विवाद का असर शनिवार को भी देखने को मिला. हर दिन राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) कार्यालय में लगनेवाला तेजप्रताप यादव का जनता दरबार बिना सूचना के कैंसिल हो गया. दूर दराज इलाकों से आए फरियादियों को काफी परेशानी हुई. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने जनता दरबार कैंसिल होने के पीछे तेजप्रताप पर बनाए जा रहे पारिवारिक दवाब को जिम्मेदार बताकर नया सियासी बवंडर खड़ा कर दिया है.


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शनिवार को जनता दरबार में शामिल होने के लिए आरजेडी ऑफिस में बड़े तादाद में फरियादी पहुंचे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. तेजप्रताप यादव ने बिना सूचना दिये जनता दरबार कैंसिल कर दिया. इससे लोग काफी निराश दिख रहे थे. पश्चिम चंपारण और सीवान जैसे जिलों से भी फरियादी तेजप्रताप के जनता दरबार में पहुंचे थे. प्रतिदिन जनता दरबार लगाने वाले तेजप्रताप यादव ने बिना सूचना दिये आखिर जनता दरबार क्यों रद्द किया, यह सवाल खड़ा हो गया है. 


जेडीयू ने तेजप्रताप के जनता दरबार कैंसिल किए जाने पर तंज कसा है. पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि तेजप्रताप यादव पर लालू परिवार बेवजह दवाब बना रहा है. तेजप्रताप यादव की लगातार अनदेखी की जा रही है. तेजप्रताप की अनदेखी उसी वक्त शुरु हो गयी थी, जब छोटा बेटा होते हुए तेजस्वी को डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया था. उन्होंने कहा कि लालू परिवार में आंतरिक कलह सामने आ चुका है. वंशवाद की राजनीति में ऐसी तस्वीर अक्सर देखने को मिलती है. 



वहीं, आरजेडी ने तेजप्रताप यादव का बचाव किया है. पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि तेजप्रताप यादव किसी निजी कारणों से जनता दरबार नहीं लगा पाए होंगे. इसे पारिवारिक विवाद से जोड़कर देखना ठीक नहीं है. 


बीते दो दिनों से तेजप्रताप यादव जनता दरबार के दौरान ही पाटलीपुत्र लोकसभा सीट को लेकर मीडिया में अपनी राय रख रहे थे. तेजप्रताप यादव पाटलीपुत्र सीट पर अपनी बहन मीसा भारती के लिए दावेदारी ठोक रहे थे. ऐसे में परिवारिक सूत्र की माने तो लालू परिवार नहीं चाहता कि तेजप्रताप यादव मीडिया से ज्यादा बात करें. यही वजह है कि फिलहाल के संकट को देखते हुए तेजप्रताप यादव को मीडिया से दूर रहने की सलाह दी गयी है. मीडिया से दूरी बनाने के चक्कर में तेजप्रताप ने जनता से ही दूरी बना ली.