पटना : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सदन में अहमियत घट रही है. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और उनके सहयोगी दलों की ओर से आए विचार से पता चल रहा है. इतना ही नहीं तेजस्वी यादव के भाई तेजप्रताप यादव की अब तारीफ हो रही है. सत्ता पक्ष के विधायक भी उनकी तारीफ कर रहे हैं. इसके बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या वाकई तेजस्वी यादव का तेज खत्म हो रहा है.


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तेजस्वी यादव लगातार सदन से गायब रह रहे हैं. यहां तक कि मानसून सत्र के दौरान भी तेजस्वी यादव की विधानसभा में मौजूदगी नहीं के बराबर रही है. हालांकि तेजस्वी अपनी गैरमौजूदगी को लेकर सफाई देने विधानसभा जरुर पहुंचे थे. इसके बाद से उनकी गैरहाजिरी बरकरार है.


नेता प्रतिपक्ष के रुप में उनका रवैया चौंकाने वाला है. जिस तरह जनहित के लिए विधानमंडल का चलना जरूरी होता है, उसी तरह विधानमंडल में नेता प्रतिपक्ष की भी मौजूदगी जरूरी होती है.


इधर, नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी को लेकर काफी चौंकानेवाले विचार सामने आ रहे हैं. आरजेडी की सहयोगी पार्टी सपीआई (एमएल) के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने साफ कर दिया है कि नेता प्रतिपक्ष सदन में रहे या नहीं रहें उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है. महबूब आलम ने तो यहां तक कह दिया है कि तेजस्वी यादव को सदन में रहना चाहिए. हार जीत लगी रहती है. लेकिन इस तरह से सदन से गैरहाजिर रहना कोई सही नहीं.


मामला तब और पेंचीदा हो गया जब आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं में सुमार अब्दुलबारी सिद्दीकी ने बयान देते हुए कहा कि सदन में उनकी कमी नहीं खलने देंगे. उन्होंने कहा कि तेजस्वी सदन में आए थे और उन्होंने अपनी गैरहाजिरी की वजह भी बता दी थी. ऐसे में सवाल उठाना सही नहीं है. जहां तक उनकी गैरमौजूदगी का सवाल है तो हम सदन में उनकी कमी को महसूस नहीं होने दे रहे हैं.


तेजस्वी यादव की कमी भले ही सदन में उनकी पार्टी और सहयोगी दलों को नहीं हो रही, लेकिन लगातार सदन आ रहे तेजप्रताप यादव की तारीफ रूलिंग पार्टी के नेता जरुर कर रहे हैं. जेडीयू विधायक ददन यादव ने तेजप्रताप यादव की तारीफ की है. ददन यादव ने कहा है कि तेजप्रताप महात्मा हैं. ऐसे परिवार में जन्म लेकर भी भक्ति भाव में लीन रहना काफी बड़ा काम है. जेडीयू विधायक ने कहा है कि तेजप्रताप के घर में ही उनके दुश्मन लोग बने हुए हैं. इसलिए वो कसरत करके खुद को मजबूत करने में लगे हैं. पहले खुद मजबूत रहेंगे तब तो राजनीति करेंगे. वहीं ददन ने तेजस्वी यादव का योग्यता पर भी सवाल खड़ा किया.


वहीं, मंत्री रामसेवक सिंह ने कहा है कि तेजस्वी के आने या न आने से भले ही उनकी पार्टी को फर्क न पड़े, लेकिन जनता को फर्क पड़ता है. नेता प्रतिपक्ष को सदन में आना चाहिए.