कांग्रेस नेता ने तेजस्वी को दिया सुझाव, समन्वय समिति को न बनाएं प्रतिष्ठा का सवाल
बिहार में कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन की राह आगे काफी मुश्किल लग रही है. पहले राज्यसभा को लकर दोनों मं टकराव फिर कांग्रेस नेता का तेजस्वी की डोमिसाइल नीति की मांग को समर्थन नहीं देना, यह दर्शाता है कि गठबंधन के आगे की राह में मुश्किलें हजारों हैं.
पटना: बिहार में कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन की राह आगे काफी मुश्किल लग रही है. पहले राज्यसभा को लकर दोनों मं टकराव फिर कांग्रेस नेता का तेजस्वी की डोमिसाइल नीति की मांग को समर्थन नहीं देना, यह दर्शाता है कि गठबंधन के आगे की राह में मुश्किलें हजारों हैं. इस बीच कांग्रेस नेता के बयान के बाद तारिक अनवर ने उनका समर्थन किया है.
प्रेमचंद्र मिश्रा के बयान पर कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि कोई भी गठबंधन की पार्टी अगर उनमें कोई न्यूनतम प्रोग्राम नहीं बनता है, तब तक हर पार्टी आजाद है अपने विचार को रखने के लिए. ऐसे में अगर कांग्रेस कह रही है कि डोमिसाइल नीति बिहार में लागू करना गलत होगा तो कहीं ना कहीं कुछ सोच और समझ कर कह रही होगी.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कई राज्यों में फोर्थ ग्रेड नौकरियों में यह नीति बहाल होती है. इसके फायदे भी हैं. हालांकि बिहार में बेरोजगारी बहुत है. अपने-अपने विचार हैं और इससे अलग विचार का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि दोनों पार्टियों में दरार आ चुकी है. दोनों अभी भी गठबंधन में हैं.
इसके बाद बीजेपी नेता संजय पासवान के बयान पर तारिक अनवर ने कहा कि बीजेपी डिफॉल्टर पार्टी हो गई है. दल-बदलू की पार्टी हो गई है. यहां पर लोग अपने-अपने दल को बदल के आने लगे हैं.
तारिक अनवर ने इसके बाद तेजस्वी को सुझाव देते हुए कहा कि कोऑर्डिनेशन कमिटी के गठन में उन्हें कोई खास परेशानी नहीं आनी चाहिए. इसे प्रतिष्ठा का सवाल ना बनाएं तो बेहतर है.
कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री के फैसलों की कांग्रेस नेता ने सराहना भी की. उन्होंने कहा कि जो भी फैसले लिए गए हैं, वह स्वागत योग्य हैं, लेकिन उन्हें लोकसभा, राज्यसभा और साथ में राज्य के तमाम विधानसभा को भी बंद कर देना चाहिए.