नई दिल्लीः आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा के विपक्ष नेता तेजस्वी यादव के तीखे तेवर नहीं दिख रहे हैं. विधानसभा मॉनसून सत्र की कार्यवाही जारी है, लेकिन तेजस्वी यादव जो सरकार पर हमेशा अपना तीखा प्रहार करते नजर आते हैं, वह सत्र के दौरान काफी बदले-बदले नजर आ रहे हैं. मुजफ्फरपुर चमकी बुखार की घटना के बाद ऐसा लग रहा था कि विपक्ष के पास बड़ा मुद्दा है जिसके जरिए सरकार को घेरा जा सकता है. लेकिन तेजस्वी यादव का अंदाज बदला-बदला नजर आ रहा है. ऐसे में आरजेडी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है.


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पहले तेजस्वी यादव करीब एक महीने तक सक्रिय राजनीति से गायब हो गए. वहीं, अब मॉनसून सत्र में कहा जा रहा था कि तेजस्वी यादव सत्र में शामिल होकर फिर से सरकार पर प्रहार करेंगे, लेकिन ऐसा भी अभी तक कुछ भी ऐसा देखने को नहीं मिला है. इन कारणों में आरजेडी के अंदर खाने में सुगबुगाहट हो रही है. हालांकि, वरिष्ठ नेताओं का इस पर कुछ भी नहीं कहना है.


तेजस्वी यादव गुरुवार को देर से ही सही विधानसभा के मॉनसून सत्र में पहुंचे, लेकिन उनके तेवर बदले हुए थे. उन्होंने मीडिया से भी कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि, सियासी गलियारों में फिर से तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के कलह की खबर तेजी से फैल रही थी. लेकिन गुरुवार को एक बार फिर दोनों भाईयों ने इस खबर को नकारते हुए एकजुटता दिखाने की कोशिश की. दोनों भाई एक साथ विधानसभा से निकल कर बाहर आ रहे थे.


आपको बता दें कि तेजस्वी यादव के लंबे समय तक नदारद रहने की वजह पारिवारिक कलह भी बताई जा रही थी. वहीं, एक बीजेपी नेता ने दावा भी किया था कि तेजस्वी यादव ने तेजप्रतापा यादव को पार्टी से बाहर करने की मांग की है. इसके साथ ही यह भी खबर आ रही है कि तेजस्वी यादव ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है. लेकिन आरजेडी विधायकों ने इस्तीफे की पेशकश पर चेतावनी दी है कि वह सभी इस्तीफा दे देंगे. हालांकि, इस खबर की किसी तरह की पुष्टि नहीं हो पाई है.


दूसरी ओर तेजस्वी यादव खुद को बीमार बता रहे हैं. उनका कहना है कि वह अपना इलाज कराने के लिए गए थे. लेकिन उनकी वापसी के बाद भी चुप रहना सियासी गलियारों में किसी के गले नहीं उतर रहा है. ऐसे में कहा जा रहा है कि आरजेडी के अंदर किसी तरह की खिचड़ी पक रही है. 


गौरतलब है कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की अगुवाई कर रहे थे. लेकिन पूरे महागठबंधन में केवल कांग्रेस को एक सीट जीतने का मौका मिला. वहीं, आरजेडी और कांग्रेस में भी अलग-अलग चुनाव लड़ने की सिफारिश की जा रही है. ऐसे में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव आगे क्या फैसला लेने वाले हैं सब की नजर उनपर टिकी है.