पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Vidhansabha) में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) मंगलवार को राजधानी पटना पहुंच गए. तेजस्वी यादव जिला प्रशासन से विशेष अनुमति मिलने के बाद वापस बिहार लौटे हैं. आरजेडी नेता के पटना पहुंचने पर राज्य में जुबानी जंग तेज हो गई है. इस मुद्दे पर आरजेडी और सत्तापक्ष आमने-सामने आ गए हैं.


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आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि, तेजस्वी यादव लॉकडाउन (Lockdown) में दिल्ली में फंसे थे, तब हमारे विपक्षी दलों को परेशानी थी. आज वापस लौट आए हैं तो, उनके पेट मे दर्द हो रहा है. हमारे विपक्षी दल के नेता तेजस्वी फोबिया से ग्रसित हैं, उनके दिमाग की स्क्रीनिंग होनी चाहिए.


मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि, तेजस्वी यादव की कोशिशों का ही नतीजा है कि, बिहार के छात्र-मजदूर वापस लौट पाए हैं. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि, ट्विटर पर भगौड़ा ट्रेंड करने से घबड़ाकर तेजस्वी यादव पटना लौटे हैं. अब जब आ गए हैं तो, 21 दिन का समय क्वारेंटाइन सेंटर में बिताएं.


निखिल आनंद ने कहा कि, क्वारेंटाइन सेंटर में समय गुजारकर तेजस्वी यादव अनुभव लें और वहां की व्यवस्था देखें. इससे पहले, जेडीयू (JDU) प्रवक्ता डॉक्टर अजय आलोक ने भी तेजस्वी यादव पर निशाना साधा था. 


अजय आलोक ने कहा कि, नियम के मुताबिक राज्य के बाहर से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन होना पड़ता है. 21 दिनों का क्वारेंटाइन होता है. आप भी नियम से भाग नहीं सकते हैं. आप तो नेता प्रतिपक्ष हैं.


अजय आलोक ने कहा, 'कहीं ऐसा तो नहीं, तेजप्रताप के डर से आप भागे-भागे घर पहुंचे हैं. कुछ दिन पहले ही तेजप्रताप ने कहा था कि, तेजस्वी दिल्ली में हैं और मैं यहां हूं. कहीं उसी की तो बेचैनी नहीं थी.' गौरतलब है कि, तेजस्वी यादव लगातार कोरोना काल में बिहार सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं.


वहीं, सत्तापक्ष उनकी बिहार में गौरमौजदूगी को लेकर लगातार आरजेडी पर निशाना साध रहा था, सत्तारूढ़ दल का आरोप है कि, जब भी बिहार में कोई आपदा आती है तो, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राज्य से बाहर रहते हैं. वह जनता के लिए तो कुछ कर नहीं सकते हैं. बस सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए सरकार पर निशाना साधते रहते हैं.