राघोपुर: कुछ दिनों पहले बिहार केे राघोपुर में दलितों का घर जलाए जाने का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है. जेडीयू इस मामले में तेजस्वी यादव और आरजेडी को घेरने की पूरी तैयारी कर चुकी है और एक के बाद एक लगातार हमले कर रही है. मंत्री प्रेम कुमार ने इस पर बात करते हुए कहा है कि 'तेजस्वी यादव को पीड़ित लोगों के आंसू पोंछने के लिए जाना चाहिए था.सिर्फ महादलित पर राजनीति करने से काम नहीं चलेगा.' उन्होंने  इस घटना में आरजेडी का हाथ होने की बात कही है. 


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साथ ही उन्होंने तेजस्वी से भी पूछा कि आरजेडी के 15 सालों में कितने दलितों का नरसंहार हुआ है. इस मामले पर फिलहाल सियासत हर दिन तेज़ ही हो रही है. पिछले लंबे समय से हर किसी की नजरें तेजस्वी यादव पर थी कि वो अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर जाकर पीड़ित परिवारों से मिलेंगे या नहीं नहीं लेकिन तेजस्वी यादव यादव राघोपुर नहीं गए हैं. 


जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी इस मामले पर कहा है कि 'आरजेडी के कालिदास तेजस्वी यादव बताएं कि दलितों से मिलने के लिए वो क्यों नहीं गए. आरजेडी के शासनकाल में दलित पिछड़ों के 40 से ज्यादा नरसंहार का जिम्मेदार कौन होगा. तेजस्वी यादव के पास बाहर घूमने जाने का वक्त है लेकिन दलितों के आंसू पोंछने का नहीं.'


इस मामले पर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने भी कहा है कि 'घटना में कई जाति के लोग शामिल हैं. अगर कोई यादव समाज का शख्स घटना में शामिल है तो उसके लिए तेजस्वी कैसे जिम्मेदार हो सकता है. सरकार को अपना काम करना चाहिए ना कि इस मुद्दे पर बहस करनी चाहिए.'


आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले राघोपुर थाने के मलिकपुर गांव में दबंगों ने दलितों के 15 घरों को आग के हवाले कर दिया था. घरों के अलावा गांव में स्थित तीन किराना दुकान, 1 टायर की दुकान में भी आग लगाई गई थी. यह मामला असल में भूमि विवाद का था और दबंग पक्ष ने दलितों के घरों को आग के हवाले कर दिया था. चूंकि राघोपुर तेजस्वी यादव का विधानसभा क्षेत्र भी है इसलिए घटना पर सूबे में सियासत भी शुरु हो गई.