रांची : झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीख का भले ही एलान नहीं हुआ है, लेकिन चुनावी तैयारी और विरिधियों को मात देने की रणनीति बनाने का काम शुरू हो गया है. जुलाई महीने में बीजेपी के तीन राष्ट्रीय स्तर के नेता कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने झारखंड आ रहे हैं. वहीं, विरोधी बीजेपी पर झारखंड को चारागाह की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहे हैं.


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झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने में अभी तीन महीने बाकी हैं, लेकिन अभी से ही सूबे की सत्ता पर काबिज होने की रणनीति बनने लगी है. फिलहाल झारखंड की सत्ता पर बीजेपी का कब्जा है और दोबारा सत्ता पर काबिज होने की चुनौती. लोकसभा चुनाव में झारखंड में मिली सफलता के बाद बीजेपी के केंद्रीय स्तर के कई नेता जुलाई महीने में झारखंड आ रहे हैं.


कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक सूबे में विरिधियों को मात देने की रणनीति बनाने झारखंड आ रहे हैं. 13 जुलाई को जेपी नड्डा और 19 जुलाई को राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी शिवराज सिंह चौहान का दौरा प्रस्तावित है. इसके अलावा जुलाई में ही राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का भा दैरा प्रस्तावित है.


झारखंड बीजेपी के नेता भी मानते हैं कि आने वाले समय में विधानसभा चुनाव है. केंद्रीय नेताओं के आने से कार्यकर्ता का उत्साहवर्धन होगा. उनके मार्गदर्शन में हम विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे.


बीजेपी नेताओं के झारखंड दौरे पर जेएमएम हमलावर हो गयी है. जेएमएम की मानें तो लोकसभा चुनाव के नतीजों से बीजेपी के नेता बौरा गए हैं. उनमें अहंकार आ गया है. वो भूल जाते हैं कि उपचुनाव के नतीजे क्या आए हैं. झारखंड की जनता ने ही उपचुनाव में औकात बताया था. विधानसभा का चुनाव है अलग मुद्दों पर लड़ा जाएगा. सिर्फ विकास की मार्केटिंग हो रही है.


कांग्रेस भी हमलावर है. प्रदेश प्रवक्ता की मानें तो इस वर्ष कई प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन झारखंड में इसलिए इनका ज्यादा इंट्रेस्ट है यह उनके लिए चारागाह है. आदिवासियों की जमीन पर इनकी गिद्ध दृष्टि है.