आनंद प्रियदर्शी, चाईबासा : झारखंड के चाईबासा में पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाया है. मंझारी थाना के पुड़दा गांव में 'हो' समुदाय की एक लड़की के साथ उसका चाचा यौन शोषण करता था. इसमें वह गर्भवती हो गई. एक ही गोत्र के होने के कारण समुदाय के लोगों ने महापंचायत बुलाई, जिसमें आरोपी रोबिन कुंकल ने अपनी गलती कबूल की. महापंचायत के दौरान उसके खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. इस बीच पंचों ने रोबिन और उसकी भतीजी दोनों को जिंदा जलाने का तुगलकी फरमान सुना दिया.


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पंचायत ने आरोपी रोबिन और उसकी पीड़ित भतीजी पर पांच लाख रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया. साथ ही दोनों को गांव से भगाने का निर्णय भी लिया गया. पंचायत का तुगलकी फरमान नहीं मानने पर रोबिन के खिलाफ नाबालिग से बलात्कार करने, डराने-धमकाने और जान से मारने की धमकी देने, गांव वालों को भड़काकर शांति भंग करने पर कठोर कानूनी कार्रवाई की बात कही गई.


28 वर्षीय रोबिन कुंकल पुड़दा गांव का रहने वाला है. वह अपनी भतीजी को डरा-धमका कर काफी दिनों से उसका यौन शोषण करता आ रहा था. किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देता था. इस बीच नाबालिग लड़की गर्भवती हो गई. घरवालों को शक हुआ और काफी समझाने-बुझाने के बाद उसने सारी बात घर के लोगों को बताई.



मामला उजागर होने के बाद कुछ हफ्ते पहले गांव में पंचायत बुलाई गई थी, लेकिन रोबिन कुंकल पंचायत के समक्ष पेश नहीं हुआ. आखिर मंगलवार को महापंचायत में वह आया, जहां उसे तुगलकी फरमान सुनाया गया.


'हो' समुदाय के युवा महासभा के जिलाध्यक्ष गब्बरसिंह हेम्ब्रम ने लोगों महापंचायत में रोबिन के खिलाफ फैसला सुनाया. गब्बरसिंह के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति समाज से बढ़कर नहीं होता है. हमारे पूर्वजों की सामाजिक रीति-रिवाजों का पालन करना सामाजिक दायित्व है. उन्होंने कहा कि समाज को अग्रिम तौर पर सजग करने के लिए समाज को शर्मसार करेना वाली ऐसी घटनाओं में जिंदा जलाने के सामाजिक फैसले का समर्थन है, ताकि इस तरह की घटना दोबारा ना हो.