मुजफ्फरपुर: बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण 100 से ज्यादा बच्चों की मौत होने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत प्रमुख नेताओं पर हमला बोला है. यहां तक कि कुछ यूजर्स ने उनके इस्तीफे भी मांगे हैं. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "नीतीश कुमार, एक हृदयहीन व्यक्ति, एक भयानक मित्र, विश्वासघाती सहयोगी और घटिया मुख्यमंत्री."


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक अन्य यूजर ने आरोप लगाया, "बिहार में स्वास्थ्य एवं शिक्षा की बुरी स्थिति. नीतीश कुमार. मुख्यमंत्री के पास इफ्तार पार्टी में जाने के लिए समय है, लेकिन अस्पताल जाने में उन्हें 17 दिन लग गए. अस्पतालों में पेयजल नहीं है. इस अनजानी बीमारी पर अभी तक कोई शोध नहीं हुआ है. अस्पतालों में बेड नहीं हैं. बच्चे पिछले 10 साल से मर रहे हैं."


नीतीश ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया था और इसके बाद सरकार ने जिन ब्लॉकों और गांवों में सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं, उनमें प्रभावित परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और उनके जीवन-यापन की परिस्थितियोंका अध्ययन करने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया था.


मुजफ्फरपुर में कुमार के दौरे के खिलाफ सैकड़ों नाराज लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. एक अन्य यूजर ने लिखा, "बेशर्म नीतीश कुमार और सुशील मोदी (बिहार के उप मुख्यमंत्री). उपयुक्त स्वास्थ्य सुविधाओं और दवाइयों के अभाव में बच्चे मर रहे हैं और बिहार सरकार के अधिकारियों के पास पार्टी करने के लिए समय है. बच्चों की मौत पर नीतीश कुमार इतने संवेदनहीन कैसे हैं. केंद्र सरकार मूक दर्शक कैसे बनी हुई है."


इससे पहले, सोमवार को विपक्ष के नेताओं ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का ईस्तीफा मांगा था. मंगल पांडे ने बुधवार को मुजफ्फरपुर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन के साथ आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच का स्कोर पूछा था.


यूजर्स ने बिहार में मौतों के लिए हर्षवर्धन को भी निशाने पर ले लिया. उन्होंने उनके 2014 में किए वादों की याद दिला दी. उन्होंने वादा किया था कि एसके मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 100 बेड वाले पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट का निर्माण किया जाएगा.


एक यूजर ने कहा, "नीतीश, सुशील मोदी और हर्षवर्धन की तिकड़ी को इस्तीफा देकर हमेशा के लिए राजनीति छोड़ देनी चाहिए."