आरक्षण मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई राजनीति, नेताओं की प्रतिक्रियाएं आईं सामने
पटना: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा आरक्षण का दायरा बढ़ाने के फैसले को रद्द करने वाले पटना हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ने सरकार की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया है और सितंबर में विस्तार से सुनवाई करेगा. बिहार सरकार ने एससी/एसटी, ओबीसी और आर्थिक पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का दायरा 50 से 65 फीसदी बढ़ाने का प्रावधान किया था, जिसे हाई कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया था. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस पर कहा कि विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने पहले ही इस आशंका को जताया था और इसे 9वीं अनुसूची में डालने का सुझाव दिया था. जेडीयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्णय का समर्थन किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी सरकार अपनी बात रखेगी. भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने भाजपा के आरक्षण के प्रति समर्थन को दोहराया. कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने न्यायिक प्रक्रिया में आस्था जताते हुए सरकार को मजबूती से लड़ने की सलाह दी.