जन्म से अंधे पप्पू कुमार की अद्भुत प्रतिभा, बिना देखे लिखते और गाते हैं गीत, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मदद की गुहार
मुजफ्फरपुर जिले के सुंदरपुर रतवारा गांव में जन्मे पप्पू कुमार जन्म से अंधे हैं. बिना किसी औपचारिक शिक्षा के, पप्पू ने अपनी प्रतिभा से सबका मन मोह लिया है. वे मन की आंखों से गीत लिखते और गाते हैं. पिता के निधन के बाद उनकी मां ने कठिनाइयों के बीच घर संभाला. पप्पू को दिव्यांगता पेंशन के रूप में केवल 400 रुपये मिलते हैं. मदद की आस में उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखा, लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं मिला. पप्पू की मां कहती हैं कि वे बचपन से मेधावी हैं, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें पढ़ाई से वंचित रखा. बावजूद इसके, वे हिंदी और भोजपुरी में गीत लिखते और गाते हैं, जिसे लोग खूब सराहते हैं. पप्पू को उम्मीद है कि एक दिन वे अपने गीतों के माध्यम से बड़ा नाम कमाएंगे.