Vidyut Jamwal का शून्यता में परमात्मा की खोज का अद्भुत तरीका, 14 सालों से सतत जारी
हिमालय पर्वतमाला में मेरी वापसी - "परमात्मा का निवास" मेरी यह यात्रा 14 साल पहले शुरू हुई थी. इससे पहले कि मुझे एहसास होता, हर साल 7-10 दिन अकेले यहां बिताना मेरे जीवन का अभिन्न अंग बन गया. जामवाल ने आगे लिखा कि मैं अपने कम्फर्ट जोन के बाहर सबसे अधिक आराम महसूस करता हूं. मैं प्रकृति के साथ उसकी आवृत्ति के साथ तालमेल यहां बिठाता हूं, और मैं खुद को एक ऐसे सैटेलाइट डिश एंटीना के रूप में कल्पना करता हूं - जो खुशी और प्यार के एहसास को प्राप्त कर एक तरह की ऊर्जा उत्सर्जित कर रहा है.