देवनगरी देवघर में पानी की किल्लत, नदी सूखने के बाद नगर निगम भी बेबस
झारखंड का जिला और देवनगरी देवघर पूरी तरह से ड्राई जोन में तब्दील हो गया है.
दीप नारायण/देवघरः झारखंड का जिला और देवनगरी देवघर पूरी तरह से ड्राई जोन में तब्दील हो गया है. यहां हर तरफ पानी के लिए मारामारी शुरू हो गई है. हालात ऐसे हैं कि नगर निगम भी हाथ खड़े कर चुका है. नंदन पहाड़ पूरी तरह से सूख चुका है तो दूसरी तरफ पानी की सप्लाई भी ठप हो चुकी है. लोग बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं अब ऐसे में समस्या सबसे बड़ी यह है कि निगम के पास भी पानी नहीं है तो लोगों को पानी मुहैया हो तो कैसे?
देवघर का लगभग 70 फ़ीसदी एरिया ड्राई जोन में तब्दील हो चुका है और पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. आचार संहिता लागू है लिहाजा जनप्रतिनिधियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. ऐसे में एकमात्र नगर निगम का सहारा है, जिन्होंने पानी सप्लाई के लिए घर-घर पानी का कनेक्शन दिया. लेकिन जहां से पानी की सप्लाई होती है नंदन पहाड़ डैम ही सूख चुका है. अब ऐसे में पानी की सप्लाई हो तो कैसे?
8 से 10 दिनों में एक बार पानी का दर्शन
देवघर के स्थानीय लोग कहते हैं कि पानी के कनेक्शन लेने के बाद भी 8 से 10 दिनों में एक बार पानी का दर्शन होता है. वह भी 15 मिनट से लेकर 20 मिनट के लिए जो काफी नहीं है. वहीं दूसरी तरफ कई बार आवेदन देने के बाद नगर निगम एक टैंकर पानी भेजता है. जिसमें 30 से 40 परिवार पानी लेते हैं. अब ऐसे में पानी के लिए इन्हें या तो खरीद कर पानी पीना पड़ता है या फिर टैंकर के भरोसे ही रहना पड़ता है.
क्या कहते हैं नगर निगम अधिकारी
देवघर नगर निगम के वाटर एसडीओ समीर सिन्हा का कहना है कि कई अभियंताओं को अलग-अलग जोन का प्रभार दिया गया है, जो पानी की समस्या को देखते हुए पानी टैंकर से सप्लाई करेंगे. दूसरी तरफ नंदन पहाड़ डैम का भी निरीक्षण कर पानी का आकलन लिया गया है. पानी की वास्तविक स्थिति यह है कि डैम सूख चुका है और नदी से पानी लेने की प्रक्रिया जारी है.
नदी का जल स्तर है नीचे
उन्होंने कहा कि नदी में भी जल स्तर इतना नीचे चला गया है कि बहुत कम पानी मिल पा रहा है. ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कुछ किए जाने की जरूरत है हालांकि मौसम ने जिस तरह से करवट बदली है और पिछले साल जहां बारिश ही नहीं हुई ऐसे में पानी स्टोर कर रखा नहीं गया इसलिए यह स्थिति पैदा हुई है.
बहरहाल देवघर में पानी की बहुत किल्लत हो गई है और लोग बूंद बूंद के लिए भी तरस रहे हैं. अब ऐसे में अप्रैल महीने में ही यह हालात हैं तो बारिश आने के पहले 4 महीने कैसे कटेंगे. यह लोग सोच कर भी हैरान हैं.