Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी का क्या है महत्व, कब और कैसे रखा जाएगा व्रत?

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Jun 17, 2024

Sanatan Dharma

सनातन हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी व्रत को रखने के पीछे अपनी आस्था और परंपरा है. लोग इस व्रत को आराध्य श्री हरि भगवान विष्णु के लिए रखते हैं.

Hindu Calendar

देवशयनी एकादशी का व्रत हिंदू कैलेंडर के हिसाब से आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस साल यह 17 जुलाई दिन बुधवार को पड़ने वाली है.

Devshayani Ekadashi

आचार्य धनंजय शास्त्री के अनुसार, देवशयनी एकादशी व्रत की शुरुआत 16 जुलाई दिन मंगलवार को रात 8 बजकर 33 मिनट से होगी और अगले दिन 17 जुलाई को रात 9 बजकर 2 मिनट तक चलेगी. इस व्रत का पारण 18 जुलाई दिन बृहस्पतिवार को किया जाएगा.

Lord Vishnu

कहा जाता है कि देवशयनी एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए अपने बैकुंठ धाम क्षीर सागर में आराम करने के लिए निद्रा में चले जाते हैं.

Kartik Month

चार महीने के बाद कार्तिक मास की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं. इस दिन भगवान विष्णु निद्रा से वापस आते हैं.

Auspicious Occasion

मान्यता है कि जिस दिन से भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं, उस दिन के बाद से देवउठनी एकादशी तक कोई भी मंगल कार्य जैसे- शादी, जनेऊ, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे शुभ काम को नहीं किया जाता है.

Bedtime

इस एकादशी को देवशयनी एकादशी इसलिए कहते है क्योंकि इस दिन से भगवान विष्णु का शयन काल प्रारंभ हो जाता है अर्थात भगवान आराम करने के लिए निद्रा में चले जाते हैं. इस अवधि को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है.

Other Names

देवशयनी एकादशी को और भी कई नामों से जाना जाता हैं जैसे- आषाढ़ी एकादशी, पद्मा एकादशी और हरिशयनी एकादशी.

Way of Worshiping

देवशयनी एकादशी के दिन आप प्रात: काल स्नान करके व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु संग माता लक्ष्मी की मूर्ति को स्थापित करें. मूर्ति की स्थापना के बाद आप चंदन, अक्षत, तुलसी, पीले फूल समेत विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें.

Devshayani Ekadashi Fast

देवशयनी एकादशी व्रत को रखने से हमें मनचाहे फल की प्राप्ति होती है, साथ ही घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है.

Description

देवशयनी एकादशी से जुड़ी तमाम जानकारी आचार्य: पं धनंजय शास्त्री के द्वारा दी गई हैं.

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