हरिहरनाथ मंदिर काफी दिव्य है. कहते हैं कि भगवान विष्णु ने इसी जगह पर मगरमच्छ से गज (हाथी) को बचाया था.
K Raj Mishra
Jul 05, 2023
सिंहेश्वर धाम
सिंहेश्वर शिवलिंग की स्थापना श्रृंगी ऋषि ने किया था. बता दें कि श्रृंगी ऋषि ने ही महाराज दशरथ का पुत्रेष्ठि यज्ञ कराया था.
ब्रह्मेश्वरनाथ धाम
ब्रह्मपुर में बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर स्थित है. मान्यता है कि इस शिवलिंग को ब्रह्माजी ने अपने हाथों से स्थापित किया था.
बैकटपुर धाम
बैकटपुर मंदिर को बैकुंठ धाम के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि ब्रह्म हत्या से मुक्ति के लिए भगवान राम ने यहीं शिवजी को प्रसन्न किया था.
तिलेश्वरनाथ धाम
पटना सिटी में स्थित तिलेश्वर नाथ मंदिर लगभग 4500 साल पुराना मंदिर है. मान्यता है कि इस मंदिर में स्वत: निकले शिवलिंग के पूरे शरीर में तिल हैं
खुदनेश्वर धाम
समस्तीपुर में स्थित खुदनेश्वर धाम काफी प्रसिद्ध है. पूरे देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां शिवलिंग के साथ मजार की पूजा-अर्जना की जाती है.
कोटेश्वरनाथ धाम
गया के बेलागंज में प्राचीन कोटेश्वर नाथ धाम है. मंदिर के सामने स्थित अति विशाल पीपल के पेड़ की सारी टहनियां मंदिर की ओर झुकी हैं.
कुशेश्वर धाम
बाबा कुशेश्वर मंदिर को मिथिला का बाबा धाम भी कहते हैं. सावन में यहां देवघर की तरह भीड़ होती है. भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर तीन नदियों के संगम पर स्थित है.
अजगैबीनाथ धाम
सुल्तानगंज के अजगैबीनाथ मंदिर की महिमा अपरंपार है. यह भारत का एकमात्र ऐसा मन्दिर है, जहां एक ही शिवलिंग पर दो भगवान की पूजा होती है.
गरीबनाथ धाम
मुजफ्फरपुर में गरीबनाथ धाम काफी प्रसिद्ध है. सावन के महीने में यहां विशाल श्रावणी मेले का आयोजन होता है.
गौरी शंकर मंदिर
पटना के गाय घाट के पास स्थित गौरी शंकर मंदिर को लेकर मान्यता है कि यह मंदिर एक शक्तिपीठ मंदिर है. मान्यता है कि यहां खुद-ब-खुद शिवलिंग प्रकट हुई है.