Tirhut Railway: 150 साल पहले महज 60 दिनों में तैयार हुई थी 51 किमी रेलवे ट्रैक, बना था विश्व रिकॉर्ड

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Mar 15, 2024

Tirhut Railway History

17 अप्रैल 1874 को उत्तर बिहार की जमीन पर तिरहुत स्टेट रेलवे की पहली ट्रेन वाजितपुर से चलकर दरभंगा पहुंची थी.

150 साल पहले वाजितपुर टर्मिनल से दरभंगा के बीच 51 मील लंबे इस रेलखंड का निर्माण सिर्फ 60 दिनों में पूरा किया गया था. जो अपने आप में विश्व रिकॉर्ड था.

Tirhut Station

महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह ने तिरहुत रेलवे कंपनी स्थापित की और दरभंगा के मोती महल को उसका मुख्यालय बनाया.

Tirhut Railway Track

51 किमी इस रेलखंड को बनाने की जिम्मेदारी इंग्लैंड की एक कंपनी को सौंपी गई थी.

वहीं रमेश्वर सिंह अर्थात लंगट सिंह को दूरसंचार के लिए तार बिछाने का ठेका मिला.

तिरहुत रेलवे की पहली ट्रेन में जो इंजन लगाया था उसका नाम लार्ड लारेंस था. 1874 में इसी इंजन पहली ट्रेन खींची थी.

Tirhut Railway history

1917 में महाराजा रमेश्वर सिंह के आग्रह पर रेलवे ने तीसरे दर्जे के डिब्बों में पहली बार शौचालय की सुविधा अपनी ट्रेनों में प्रदान की थी.

Tirhut Railway

भारत में उस समय ये पहला रेलखंड था जहां तीसरे दर्जे के डिब्बे में शौचालय की सुविधा थी.

VIEW ALL

Read Next Story