Bettiah SP Shaurya Suman: बेतिया पुलिस कप्तान ने भ्रष्टाचार पर ऐसा चाबुक चलाया है कि थानाध्यक्ष समेत भ्रष्ट पदाधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है. थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए एसपी शौर्य सुमन ने एक सराहनीय पहल की है. एसपी ने पुलिस पदाधिकारियों की तरफ से अवैध उगाही से संबंधित शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम का हेल्पलाइन नंबर सार्वजनिक किया गया है.


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बेतिया पुलिस ने आमजन से अपील किया है कि किसी भी थाना में पदाधिकारी या पुलिसकर्मी द्वारा प्राथमिकी सनहा पासपोर्ट वेरिफिकेशन में अवैध उगाही या पैसे की मांग की जाती है तो तुरंत बेतिया पुलिस कंट्रोल रूम के मोबाइल नंबर 9546434879 और पुलिस अधीक्षक के मोबाइल नंबर 9431822986 पर जानकारी दीजिए. जानकारी देने वालों का नाम गोपनीय रखा जायेगा. बेतिया पुलिस ने आमजन के नाम से अपील करते हुए इस पत्र को सोशल मिडिया में पोस्ट किया गया है. 


थाना में कैसे होता है भ्रष्टाचार?
बता दें कि किसी भी थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराने की कीमत पांच हजार से दस हजार की होती है. पासपोर्ट वेरिफिकेशन कराने के लिए एक हजार की फीस फिक्स होती है. केस के अनुसंधान में आइओ को अलग से पैसा मिलता है. यह अवैध उगाही कई थानों में सुनने को मिलता है. यहीं नहीं थाने में प्राथमिकी दर्ज करने में धाराओं को जोड़ने के लिए भी अलग से पैसे लगते है. एक ही केस में थाना में भ्रष्ट पदाधिकारी एक धारा जोड़ने के लिए एक पक्ष से उगाही करता है तो दूसरे पक्ष से उस धारा को हटाने के लिए पैसों की उगाही करता है, जब यह प्राथमिकी अनुसंधान के लिए इंस्पेक्टर और डीएसपी पास जाता है तो वहां नाम हटाने जोड़ने धारा घटाने बढ़ाने का मोल भाव होता है. थाना से लेकर डीएसपी स्तर तक व्याप्त इस भ्रष्टाचार पर एसपी शौर्य सुमन ने ऐसा चाबुक चलाया है जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. 


बेतिया एसपी शौर्य सुमन से जब जानने की कोशिश की गई कि ऐसा कदम उठाने क्या जरूरत पड़ी? तो एसपी ने बेबाकी से जबाब दिया. एसपी शौर्य सुमन ने बताया कि पुलिस का काम आमजन का सेवा करना है. आम जनता के विश्वास को जितना है. 


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एसपी ने कहा कि पुलिस पब्लिक फ़्रेंडली एक्ट को मजबूत करना है. आमजन की सेवा करने के लिए ही हमलोग पुलिस में आते है, कुछ भ्रष्ट तत्व की वजह से पूरा पुलिस महकमा बदनाम हो जाता है. वैसे भ्रष्ट पदाधिकारी के लिए पुलिस विभाग में कोई जगह नहीं है, जो भी पुलिस पदाधिकारी उगाही करेंगे शिकायत मिलेगी जांच की जाएगी. दोष सिद्ध होने पर उन अधिकारीयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जानकारी देने वालों का नाम गोपनीय रखा जायेगा. 


रिपोर्ट: धनंजय द्विवेदी


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