Bihar Flood: बाढ़ से घिरी हजारों की आबादी, पानी में डूबे घर, ना कोई देखने वाला ना सुनने वाला

Bihar Flood: ​बिहार में बाढ़ अपना कहर बरपा रही है. जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पूरा गांव जलमग्न है, लोग ऊंचे स्थान पर शरण लिए हुए है. बांध पर रहने को मजबूर है, घर डूब चुके है.

जी बिहार-झारखंड वेब टीम Fri, 04 Oct 2024-6:31 pm,
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बाढ़ पीड़ितों का हाल बेहाल

बेतिया: Bihar Flood: बिहार के बेतिया में बाढ़ पीड़ितों का हाल बेहाल है. बैरिया प्रखंड के पखनाहा डुमरिया के एक नंबर वार्ड से आठ नंबर वार्ड डूबा हुआ है. पूरा गांव जलमग्न है, लोग ऊंचे स्थान पर शरण लिए हुए है. बांध पर रहने को मजबूर है, घर डूब चुके है. 

 

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हजारों की आबादी बाढ़ से प्रभावित

हर एक वार्ड की आबादी लगभग चार से पांच सौ की है. लगभग आठ वार्ड में हजारों की आबादी बाढ़ प्रभावित है. जिसमें वार्ड नंबर 6, 7, 8 वार्ड पूरी तरह से जलमग्न है. घरों ने जल समाधि ले ली है. बैरिया में पिछले दिनों बैरिया के चम्पारण रिंग बांध टूटने से गंड़क नदी की पानी इस क्षेत्र में कहर बरपा रहीं है. 

 

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हजारों की आबादी का हाल बेहाल

कहीं भी पानी निकलने की जगह नहीं है, पानी का ठहराव हो गया है. पिछले पांच दिन से हजारों की आबादी का हाल बेहाल है. इन बाढ़ पीड़ितों का दर्द ना कोई देखने वाला है और ना ही कोई सुनने वाला है. गांव-गांव का घर पानी में डूबा हुआ है. गांव की सड़क पर नाव चल रही है. 

 

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पूरे घर पानी में डूबे

ये पखनाहा का वार्ड नंबर 6 है. जहां पूरे घर पानी में डूबे हुए है. गांव के लोग बांध पर शरण लिए हुए है. गांव में आने जाने के लिए ग्रामीण जुगाड़ की नाव बनाये हुए है. नीचे केले के थम्भ पर ड्रम लगा आवाजाही कर रहें है. 

 

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सूखा राशन तक चार दिन से नहीं मिला

ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक कोई देखने नहीं आया है सूखा राशन तक चार दिन से नहीं मिला है. पल्ली तक नहीं मिला है, क्या खाये क्या नहीं खाये समझ में नहीं आ रहा है.

 

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पूरा गांव पानी से लबालब

ये डुमरिया है. आप तस्वीरों में देख सकते है, पूरा गांव पानी से लबालब है. गांव के लोग ऊंचे स्थान पर शरण ले चुके है जो बचे है, उनमें अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ आक्रोश है. लोगों का कहना है कि अभी तक इस गांव में कोई नहीं आया है. लोगों का राशन बखार में बर्बाद हो गया है. खाने के लिए कुछ नहीं है. 

 

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बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश

लोगों का कहना है कि सूखा राशन का ग्रामीण इंतजार कर रहें है. गांव में जो दुर्गा पूजा के लिए पंडाल बनाया गया था, वह भी डूब गया है. शिव जी का मंदिर भी डूब गया है. मंदिर की महिला पुजारी का कहना है कि शिव जी की पूजा मंदिर के ऊपर होती है. इस बार दुर्गा पूजा गांव में नहीं होगी. हजारों की आबादी बांध पर रहने को मजबूर है लेकिन अभी तक उन्हें सूखा राशन नहीं मिला है, पल्ली नहीं मिला है. जिसको लेकर बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश है. (इनपुट- धनंजय द्विवेदी)

 

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