पटनाः देश के पांच अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होनेवाले हैं. अब तक के रूझानों से साफ हो गया है कि जहां बीजेपी को विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा है. वहीं, कांग्रेस की ताजा स्थिति यह बयां कर रही है कि उन्होंने जबरदस्त वापसी की है. इन परिणामों से माना जा रहा है कि बिहार पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है. कांग्रेस के पक्ष में रूझानों को देखकर बिहार में भी नेता और कार्यकर्ताओं में काफी खुशी है.


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बिहार में कांग्रेस अब तक काफी पीछे चल रही थी. वहीं, पार्टी को आरजेडी से कमजोर रूप में देखा जाता रहा है. हालांकि आरजेडी एक बड़ी क्षेत्रीय पार्टी है, लेकिन आरजेडी प्रमुख लालू यादव के जेल जाने के बाद से पार्टी लोकप्रियता पर असर पड़ा है. यह इससे भी साफ होता है कि बिहार में कांग्रेस पार्टी इस बार साफ कर दिया है कि वह किसी भी पार्टी की पिछलग्गू नहीं है.


कांग्रेस ने पहले ही कह दिया है कि वह किसी भी पार्टी से कम नहीं है और बल्कि कांग्रेस नेतृत्व संभालने वाला है. और पहले भी कांग्रेस के नेतृत्व में बिहार के अन्य दलों ने काम किया है. बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर भी अब आरजेडी और कांग्रेस में बराबरी की बात हो सकती है. हालांकि कांग्रेस पहले से ही सीट शेयरिंग को लेकर इस बार अधिक सीट लेने का मन बना रही है. जबकि पांच राज्यों के चुनाव परिणामों से यह बिहार में पार्टी का हौसला और बुलंद हो गया है.


वहीं, आरजेडी की बात करें तो उन्हें भी अब डर सताएगा कि जहां आरजेडी की ओर से गठबंधन में मनमानी होती थी वह शायद अब नहीं हो पाएगी. वहीं, यह भी डर है कि एनडीए की तरह आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन में भी बीजेपी-जेडीयू की तरह कहीं बराबर सीटों का बंटवारा न करना पड़े. हालांकि अब तक आरजेडी हमेशा से कांग्रेस से अधिक सीट लेती आई है. लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रति रूख बदलता दिख रहा है.


अब अगर सत्ता पक्ष दलों की बात करें तो जेडीयू को भी यह लगने लगा है कि जिस तरह से पिछले चुनावों में मोदी लहर थी, और उससे अलग होने से जेडीयू को नुकसान उठाना पड़ा था. हालांकि इस बार वह बीजेपी के साथ है, लेकिन इस बार पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से लग रहा है कि देश का मिजाज बदल रहा है. जेडीयू इससे सीख लेते हुए सीटों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकती है.


वहीं, बिहार के बीजेपी नेताओं को मानना है कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में काफी अंतर है. लोकसभा चुनाव में जनता बीजेपी के साथ है. हालांकि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से सीख लेते हुए आगे की रणनीति अब पहले से अलग हो सकती है. बीजेपी अब बिहार में उन मुद्दों पर ध्यान देना शुरू करेगी, जिससे की वोट बटोरा जा सके.


इस बीच उपेंद्र कुशवाहा जिसने पांच राज्यों के परिणाम आने से एक दिन पहले ही एनडीए को अलविदा कहा है. उनका मानना है कि आरएलएसपी का एनडीए से अलग होना कांग्रेस के लिए शुभ संकेत लेकर आया है. चुनाव परिणाम से साफ है कि बीजेपी को जनता ने नकार दिया है.