Karthik Kumar News: बिहार के मंत्री कार्तिक कुमार का विभाग बदल दिया गया है. वह अब कानून विभाग की जगह गन्ना उद्योग की जिम्मेदारी संभालेंगे. जब उन्होंने 10 अगस्त को शपथ ली थी, उसी के बाद से विवाद शुरू हो गया था. दरअसल, जिस दिन उन्हें शपथ लेनी थी, उसी दिन उनको अपहरण के एक मामले में दानापुर के कोर्ट में पेश होना था. बाद में इस मसले पर काफी बवाल हुआ और नीतीश कुमार सरकार बैकफुट पर आ गई थी. सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सफाई देनी पड़ी थी. एक अधिसूचना के अनुसार, कार्तिक कुमार को कानून मंत्रालय की जगह गन्ना उद्योग विभाग और शमीम अहमद को गन्ना उद्योग विभाग की जगह कानून मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है.


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बीजेपी ने बोला था हमला


बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि अपहरण के एक मामले में समन जारी होने के बावजूद पेश नहीं होने पर कार्तिक के खिलाफ वारंट जारी किया गया था और उन्होंने उसी दिन ही शपथ ग्रहण कर ली, जिस दिन उन्हें एक अदालत में पेश होना था. कार्तिक पर लगाए गए आरोपों के बारे में 17 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है.


तेजस्वी ने किया था बचाव



बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने 18 अगस्त को कहा था, 'वारंट के बाद अदालत ने गिरफ्तारी के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है. उनको अभी तक अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है. हम अदालत के निर्देशों का पालन करेंगे.' बिहार में महागठबंधन सरकार का बाहर से समर्थन कर रही भाकपा-माले ने 17 अगस्त को कहा था कि कानून मंत्री को बनाए रखने से सरकार की छवि खराब होगी. मौजूदा महागठबंधन में जनता दल (यूनाइटेड), राजद, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल हैं.


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