Bihar Politics: बिहार में आरजेडी और जेडीयू के बीच जारी खींचतान में मामला बातचीत बंद होने तक पहुंच गया है. जो पहले पराए थे वो अब बिहार की सियासत में अपने हो गए हैं. कोई इसे विचारों का मेल बता रहा है तो कोई संस्कारों का. इस बीच आरजेडी ने पटना के सभी अखबारों में विज्ञापन के जरिए किसी का नाम लिए बगैर नीतीश कुमार और जेडीयू पर निशाना साधते हुए उन्हें चिढाने की कोशिश की है. 


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आरजेडी के विज्ञापन में क्या लिखा है? 


धन्यवाद तेजस्वी.


आपने कहा, आपने किया और आप ही करेंगे!


• 4,00,000 से अधिक सरकारी नौकरी देने के लिए


• लाखों बहाली एवं नौकरियां प्रक्रियाधीन करने के लिए


• देश में प्रथम बार जातिगत गणना कराने के लिए


• 75% तक आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए


• नियोजित शिक्षकों को राज्यकों का दर्जा देने के लिए


• गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की नींव रखने के लिए


• स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए


• शहरों में वॉटर ड्रेनेज व्यवस्था कराने के लिए


• सड़कों, पुलों, बाईपास एवं ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए


• खेलों में "मेडल लाओ, नौकरी पाओं" योजना लागू करने के लिए


• बिहार में प्रथम बार Tourism Policy, Sports Policy और IT policy लाने के लिए


• विकास मित्र, टोला सेवक, शिक्षा मित्र और तालीमी मरकज़ का मानदेय बढ़ाने के लिए


• विकास और निवेश के बड़े-बड़े प्रॉजेक्ट्स के लिए


• पर्यटन बढ़ाने के लिए


निवेदक : राष्ट्रीय जनता दल, महागठबंधन परिवार



टूट चुकी है भाषा की मर्यादा


बिहार की सियासत को करीब से समझने वालों का कहना है कि अगर- 'चीते की चाल, बाज की नज़र और बाजीराव की तलवार पर संदेह नहीं करते, उसी तरह नीतीश कुमार भी सियासी हमले का पलटवार जरूर करते हैं. सीएम नीतीश कुमार के बारे में ये भी कहा जाता है कि उनका अगला कदम क्या होगा, इसका सटीक अंदाजा उनके अगल-बगल खड़े लोग भी नहीं लगा सकते हैं.


शनिवार को आरजेडी के कुछ नेताओं ने नीतीश कुमार को बहुत बुरा भला कहा था. इससे इतर लालू यादव और तेजस्वी ने जिस तरह नीतीश कुमार को लेकर जिस तरह के बयान दिए थे, उन्हें नीतीश कुमार आज भी नहीं भूले होंगे. नीतीश कुमार को पल्टूराम समेत न जाने क्या-क्या कहा गया था? 


पहले हो चुका है पोस्टर वॉर


इससे पहले भी नीतीश के पाला बदलने पर पोस्टर वॉर हो चुका है. हालांकि तब आरजेडी (RJD) का रुख ज्यादा हमलावर था. इस बार आरजेडी ने संयमित शब्दों और सधे अंदाज में विरोधियों पर निशाना साधते हुए पॉजिटिव छवि बनाई और विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश की है. ताकि बिहार सरकार गिरने का ठीकरा नीतीश कुमार के ऊपर फोड़ा जा सके. यानी आरजेडी को चुनावों में जनता की सहानुभूति मिल सके.


नीचे एक पोस्टर की बानगी है, जिसमें लालू बनाम नीतीश थे. आज के विज्ञापन में केवल तेजस्वी की फोटो है. जिसमें उनकी छवि 'विकास पुरुष' के रूप में दिखाने की कोशिश की गई है. इस विज्ञापन में अपील दिखती है. जिसे बहुत से लोग लालू यादव फैमिली की उस महत्वाकांक्षा से भी जोड़कर देख रहे हैं, जिसके तहत सब तेजस्वी को भविष्य का मुख्यमंत्री मान कर चल रहे हैं.