Bittu Bajrangi arrested in film style: नूंह में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने बिट्टू बजरंगी को गिरफ्तार कर लिया है. बिट्टू बजरंगी के और साथियों की तलाश जारी है. बजरंगी ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही थीं. पुलिस ने कहा है कि जो भी भड़काऊ भाषण  सोशल मीडिया पर डालेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा भड़काने के मामले में नूंह पुलिस ने मंगलवार को गौरक्षक और गौ रक्षा बजरंग बल के प्रमुख बिट्टू बजरंगी को गिरफ्तार कर लिया। बजरंगी को फरीदाबाद की पर्वतीय कॉलोनी स्थित उसके घर से गिरफ़्तार किया गया। बिट्टू को नूंह जिले के तावडू थाने की क्राइम इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने गिरफ्तार किया है.


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बिट्टू बजरंगी का 'लुंगी रन' CCTV में कैद


31 जुलाई को नलेश्वर शिव मंदिर में एएसपी उषा कुंडू के सामने बजरंगी ने हथियार लहराए थे. जब उषा कुंडू ने हथियारों को छीन लिया गया तो उसने पुलिस अधिकारी की गाड़ी के आगे विरोध प्रदर्शन किया था। इस पर एएसपी की शिकायत पर बिट्टू बजरंगी के खिलाफ  मामला दर्ज किया गया था. आज बिट्टू बजरंगी को कोर्ट में पेश किया जाएगा. बिट्टू बजरंगी को हिरासत में लेने की पूरी घटना सीसीटीवी में दर्ज हो गई है. वीडियो में देखा जा सकता है कि सादी वर्दी में पुलिसवाले किस तरह से घसीटकर बिट्टू बजरंगी को ले जा रहे हैं.  



दरअसल आरोप है कि बजरंगी ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर स्ट्रीम किए गए लाइव वीडियो में भड़काऊ टिप्पणियां कीं, जिन्हें वायरल किया गया. इसमें एक संप्रदाय के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए गए थे. इस वीडियों के बाद इलाके में तनाव फैल गया था. 1 अगस्त को बजरंगी के खिलाफ फरीदाबाद के डबुआ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी.


गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे लोग


इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई थी. बिट्टू बजरंगी के भड़काऊ वीडियो के बाद लोग उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. पुलिस अफसर से विवाद के बाद से ही बजरंगी पुलिस की निगाह में आ गया था. पुलिस की शिकायत में शांति भंग करने,यात्रा के दौरान तलवारें और त्रिशूल रखने, पुलिस के साथ हाथापाई और पुलिस ड्यूटी में बाधा जैसे कई संगीन आरोप लगाए गए थे. 


31 जुलाई को नूंह में शोभा यात्रा पर पथराव के बाद सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे. दंगाईयों ने यात्रा में आए लोगों की गाड़ियों से जमकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसके अलावा दुकानों में भी लूटपाट कर आग लगा दी गई. नूंह हिंसा का असर गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी और पानीपत में भी पड़ा और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं.


31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 88 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना के बाद हजारों प्रवासी अपने राज्य में लौटने को मजबूर हो गए. इसी बीच प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर सौ से अधिक घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया था. 


फिलहाल बिट्टू बजरंगी की गिरफ्तारी के बाद हिंदू संगठनों का विरोध तेज हो सकता है.  नूंह में जिस तरह से सुनियोजित साजिश के तहत हिंसा फैलायी गई, पथराव और आगजनी हुई उससे कई और शहरों तक आंज पहुंच गई. फिलहाल मेवात में अभी हालात सामान्य हैं. पुलिस प्रशासन भी अलर्ट है.