जिन्ना के नाम पर बने टॉवर को लेकर बवाल, BJP नेता बोले- `नाम बदलो नहीं तो करेंगे कार सेवा`
बीजेपी ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर में ‘जिन्ना टॉवर’ का नाम बदलने की मांग की है. बीजेपी चाहती है कि प्रशासन जिन्ना का नाम हटाकर इस टॉवर का नाम एपीजे अब्दुल कलाम टॉवर का नाम बदल दे.
हैदराबाद: आंध्र प्रदेश (Andhra Prades) राज्य के गुंटूर (Guntur) शहर में ‘जिन्ना टॉवर’ के नाम बदलने की मांग को लेकर जंग छिड़ी हुई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) पाकिस्तान के संस्थापक पिता मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) के नाम पर रखे गए गुंटूर के ‘जिन्ना टॉवर’ (Jinnah Tower) का नाम बदलने की मांग कर रही है. महात्मा गांधी रोड पर गुंटूर के केंद्र में स्थित जिन्ना टॉवर साल 1945 के आसपास बनाया गया एक लंबा स्मारक है.
गुंबद के आकार का है जिन्ना टॉवर
ऐसा माना जाता है कि 1945 में विभाजन से पहले, जिन्ना एक जनसभा को संबोधित करने के लिए गुंटूर आने वाले थे. तभी से स्थानीय मुसलमानों ने उनके नाम पर एक मीनार का नाम रखा है. इस टॉवर में गुंबद के आकार की संरचना के साथ छह पिलर हैं और इसे स्थानीय लोगों द्वारा सद्भाव और शांति का प्रतीक माना जाता है. इतना ही नहीं इस स्थान को जिन्ना सेंटर के रूप में भी जाना जाता है.
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टॉवर का नाम एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की मांग
तेलंगाना में बीजेपी विधायक राजा सिंह (Raja Singh) ने मांग की कि आंध्र प्रदेश सरकार जिन्ना टॉवर का नाम तुरंत बदले. उन्होंने कहा, आप एक ऐसे व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल कैसे जारी रख सकते हैं जो देश के बंटवारे और कई लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है. स्थानीय बीजेपी चाहती है कि प्रशासन जिन्ना का नाम हटाकर इस टॉवर का नाम एपीजे अब्दुल कलाम टॉवर का नाम बदल दे. इस संबंध में गुंटूर नगर आयुक्त को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन दिया.
बीजेपी ने दिया नाम बदलने का अल्टीमेटम
वहीं बीजेपी नेता वी. जयप्रकाश नारायण (V. Jayprakash Narayan) ने कहा कि 'ये गुंटूर के लिए काला धब्बा है. ये जिन्ना टॉवर हमारे आत्मसम्मान को आहत करता है. अगर प्रशासन ने इसका नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम नहीं किया तो हम इसे हटाने के लिए कार सेवा करेंगे क्योंकि अयोध्या में बाबरी को हटाने के लिए कार सेवा की गई थी. सत्तारूढ़ सरकार और पिछली सरकारों ने वोटबैंक की राजनीति के लिए ऐसा नहीं किया. हम इसका तुरंत नाम बदलने का अल्टीमेटम दे रहे हैं.'
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इस मामले में सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी सरकार और जिला प्रशासन ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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