नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब मतदाताओं के रुझान का अंदाज़ा लगाने का वक्त आ गया है और मतदाताओं ने किसको सत्ता को ताज पहनाया है ये तस्वीर भी करीब करीब साफ हो रही है.बीजेपी के लिए ये चुनाव लिटमस टेस्ट की तरह है जिससे उसे आगे के राजनीतिक जीवन के लिए संजीवनी मिलेगी. 


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बीजेपी के लिए ये चुनाव परिणाम खासे उत्साहवर्धक रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं इसको देखते हुए बीजेपी खेमे में उत्साह का माहौल है.


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लेकिन मीडिया सूत्रों के मुताबिक बीजेपी आलाकमान ने मीडिया के सामने पेश होने वाले नेताओं को कड़ी नसीहत दी है कि वे शुरुआती दौर में उत्साहजनक बयानबाजी से बचें। जीत की स्थिति देखने के बाद ही वे अपना रूख तय करें.


बिहार का सबक याद है बीजेपी को 


दरअसल बीजेपी ने बिहार से सबक लेते हुए यह निर्देश दिए हैं. बिहार परिणाम के दिन शुरुआती परिणाम को देखते ही नेताओं ने बयानबाजी शुरू करने के साथ जीत का जश्न शुरू कर दिया था. मगर कुछ समय बाद उनकी खुशी गम में बदल गई थी. जिसके वजह से पार्टी नेतृत्व को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा था.


इसलिए पार्टी ने इस बार बेहद सजगता बरतना ही मुनासिब समझा है. दरअसल शुरुआती दौर में पोस्टल वोटों की गणना होती है. जिसमें अक्सर बीजेपी मजबूत रहती है.


केसरिया होली की तमाम तैयारियों के साथ भाजपा ने सजगता भी बरती है. पार्टी को यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में जीत का तो पूरा विश्वास है. मगर परिणाम की स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही पार्टी नेता और कार्यकर्ता अपनी जीत का इजहार करेंगे.


यूपी के परिणामों को देखकर ही संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाने पर तत्काल निर्णय होगा. दिल्ली से आने वाले कार्यकर्ताओं को भी सुबह ही पार्टी मुख्यालय पहुंचने का संदेश दिया जाएगा.


जीत को लेकर उत्साहित भाजपा ने केसरिया होली की तैयारी की है। चुनाव नतीजों का लंबा सियासी लाभ उठाने के लिए पार्टी मुख्यालय के बगल वाले बंगले 9 अशोक रोड में मीडिया के लिए खास इंतजाम किया गया है. एग्जिट पोल में पार्टी की दिख रही खुशनुमा तस्वीर से भाजपा के शीर्ष नेता जीत को लेकर आशान्वित हैं.