नॉर्थ 24 परगना: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) अगले साल 2020 के जनवरी महीने से पूरे देश में लागू हो सकता है. जिसकी मदद से केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में रहने शरणार्थियों को नागरिकता दे सकती है.


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बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में एक सभा को संबोधित करने के दौरान ये बात कही. जान लें कि अगले साल अप्रैल-मई महीने में पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधान सभा चुनाव होंगे. कैलाश विजयवर्गीय ये बयान देते समय एक चुनावी रैली में भाषण दे रहे थे.


बीजेपी (BJP) नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया अगले साल जनवरी में शुरू हो जाएगी. केंद्र की मोदी सरकार ने भारत के पड़ोसी देशों में सताए जाने के बाद हमारे देश में आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देने के ईमानदार इरादे से इस कानून को बनाया है.'


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हालांकि इससे पहले अक्टूबर महीने में, बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कोरोना वायरस की महामारी का कारण बताते हुए कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लागू करने में अभी कुछ समय लग सकता है.


बीजेपी (BJP) नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) के नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लागू किए जाने के बयान पर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम ने कहा, 'बीजेपी पश्चिम बंगाल के लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रही है.'


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बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) 11 दिसंबर 2019 को भारत की संसद में बनाया गया था. इस कानून में प्रावधान है कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के 6 अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के वो लोग भारत में नागरिकता ले सकते हैं, जो 31 दिसंबर, 2014 तक देश में आ चुके थे. हालांकि मुस्लिम शरणार्थियों को इस नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) से छूट नहीं मिली थी.


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