BJP MP Janardan Mishra Viral Video on ater Conservation: मौजूदा समय में जल संरक्षण बड़ा मुद्दा है. पिछले कुछ समय में कई देशों में पानी का संकट देखने को भी मिला है. भारत के भी कई राज्यों में इस तरह की कुछ समस्या देखने को मिल रही है. इसे देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से जल संरक्षण को लेकर लोगों को समय-समय पर अभियान चलाकर जागरूक भी किया जाता है. पर कभी कभी जागरूकता अभियान में ऐसी चीजें भी देखने को मिल जाती हैं जो अलग ही संदेश दे देती हैं. ऐसा ही कुछ भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा ने किया है. उन्होंने रविवार को एक कार्यक्रम में जल संरक्षण को लेकर जो टिप्पणी की वह सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.  


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रीवा में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे सांसद


रिपोर्ट के मुताबिक, रीवा में कृष्णराज कपूर ऑडिटोरियम रविवार को आयोजित एक वर्कशॉप के दौरान सांसद जनार्दन मिश्रा घटते भूजल के विषय पर बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘भूजल तेजी से सूखता जा रहा है, इसे बचाया जाना चाहिए... आप शराब पिएं, तंबाकू चबाएं, खरपतवार धूम्रपान करें या गंध को पतला करें, लेकिन पानी के महत्व को समझें और इसे जरूर बचाएं.’ जनार्दन मिश्रा की यह टिप्पणी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. उनके भाषण का वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है.



'कोई सरकार वॉटर टैक्स माफ करे तो न लें'


यही नहीं, इस वायरल वीडियो में सांसद यह भी कहते दिख रहे हैं कि जब आदमी का पैसा लगता है तो वह चीजों को बचाता है. पानी भी तभी बचेगा जब अपना पैसा लगेगा. इसलिए वह लोगों से कह रहे हैं कि ‘अगर कोई सरकार वॉटर टैक्स माफ करने की घोषणा करती है तो उन्हें बताएं कि हम इसका भुगतान करेंगे, आप बिजली के बिल सहित दूसरे टैक्स को माफ कर सकते हैं.’


टॉयलेट साफ करने का वीडियो भी हो चुका है वायरल 


यह पहली बार नहीं है जब जनार्दन मिश्रा सुर्खियों में आए हैं. इससे पहले, सितंबर में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह अपने नंगे हाथों से शौचालय की सफाई कर रहे थे. मिश्रा को अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक बालिका विद्यालय में एक वृक्षारोपण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था. इस दौरान वह स्कूल में मौजूद शौचालय की सफाई करने लग गए थे.



भ्रष्टाचार पर की थी अजीबोगरीब टिप्पणी 


पिछले साल भाजपा सांसद ने भ्रष्टाचार पर एक टिप्पणी की थी, जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ था. रीवा में एक सेमिनार में उन्होंने कहा था, ‘जब लोग सरपंचों द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत करने मेरे पास आते हैं, तो मैं उनसे मजाक में कहता हूं कि अगर भ्रष्टाचार 15 लाख रुपये तक है तो वे मुझे इसके बारे में न बताएं. अगर राशि 15 लाख रुपये से अधिक है,  तो इसे भ्रष्टाचार माना जा सकता है.’


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