अमरावती: भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के अमरावती और कुछ अन्य शहरों में हाल में भड़की हिंसा राज्य में अशांति फैलाने की सुनियोजित कोशिश थी. उन्होंने कहा कि इसके बाद भाजपा और हिंदू संगठनों के खिलाफ शुरू हुई पुलिस की ‘एकतरफा’ कार्रवाई तुरंत रुकनी चाहिए और ऐसा न किए जाने पर भाजपा ‘जेल भरो’ आंदोलन शुरू करेगी.


फडणवीस ने सरकार को दी ये चुनौती


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फडणवीस ने राज्य में इस्लामी संगठन रजा अकादमी (Raza Academy) पर प्रतिबंध लगाने के लिए महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार को भी चुनौती दी. बता दें कि त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक घटनाओं के विरोध में रजा अकादमी सहित कुछ संगठनों की रैलियों के बाद 12 और 13 नवंबर को अमरावती और राज्य के अन्य हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी.


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पूर्व सीएम ने किया अमरावती का दौरा


फडणवीस ने रविवार को अमरावती में मसानगंज और हनुमाननगर इलाकों का दौरा किया और 1 अस्पताल में भर्ती, हिंसा में घायल हुए लोगों से मुलाकात की. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र सरकार पर 12 नवंबर की हिंसा की घटनाओं की अनदेखी करने और इसके अगले दिन प्रतिक्रियास्वरूप हुई घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का आरोप लगाया.


महाराष्ट्र की मंत्री ने दिया फडणवीस को जवाब


फडणवीस के आरोपों पर महाराष्ट्र की मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि भाजपा को घटनाक्रम का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए और फडणवीस जैसे जिम्मेदार नेता को ‘वोटबैंक की राजनीति’ में लिप्त होकर माहौल को खराब नहीं करना चाहिए. ठाकुर ने यह भी कहा कि रजा अकादमी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है और इस मुद्दे पर राज्य मंत्रिमंडल में चर्चा की जाएगी. आपको बताते चलें कि त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ 12 नवंबर को प्रदर्शन कर रहे कुछ मुस्लिम संगठनों की रैलियों के दौरान राज्य के अनेक शहरों में पथराव हुआ था. अमरावती, नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल जिलों से ऐसी घटनाएं सामने आई थीं। अगले दिन भाजपा द्वारा आहूत बंद के दौरान अमरावती के राजकमल चौक पर भीड़ ने दुकानों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा.


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फेक न्यूज के आधार पर फैली थी हिंसा


पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘अमरावती और राज्य में अन्य जगहों पर 12 नवंबर को निकाला गया जुलूस झूठी सूचनाओं (Fake News) पर आधारित था. यह राज्य में अशांति पैदा करने की सुनियोजित कोशिश थी. इसकी जांच होनी चाहिए. जिन्होंने इसकी साजिश रची, उनकी पहचान होनी चाहिए और उनका मकसद पता चलना चाहिए. राज्य में शांति बाधित करने की साजिश रची गई. भाजपा, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ ‘एकतरफा’ कार्रवाई रुकनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता और पुलिस हिंदू संगठनों एवं उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करती रही, तो भाजपा ‘जेल भरो’ आंदोलन शुरू करेगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘12 नवंबर की हिंसा की पूरी तरह अनदेखी कर केवल 13 नवंबर पर ध्यान देना अत्यंत निंदनीय है. राज्य सरकार 12 नवंबर की हिंसा पर चुप क्यों है? इस चुप्पी के पीछे मकसद क्या है? क्या वह मतों का ध्रुवीकरण चाहती है? मैं इसकी निंदा करता हूं.’


फडणवीस के निशाने पर MVA सरकार


भाजपा नेता ने कहा, ‘हम शांति स्थापित करने में तंत्र के साथ सहयोग करना चाहते हैं, लेकिन उसे हमारे साथ सहयोग करना चाहिए.’ उन्होंने पूछा कि क्या 12 नवंबर के विरोध मार्च की अनुमति ली गई थी. फडणवीस ने राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर पर भी हिंसा को लेकर निशाना साधा जो अमरावती की प्रभारी मंत्री भी हैं. उन्होंने कहा, ‘यशोमती ठाकुर 12 नवंबर की हिंसा पर क्यों नहीं बोलतीं? उन्होंने उस घटना पर एक भी शब्द नहीं बोला.’


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'फडणवीस के आरोप निराधार'


मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यशोमती ठाकुर ने कहा कि फडणवीस अमरावती और अन्य स्थानों पर हिंसा को लेकर निराधार आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने विपक्षी दल को सांप्रदायिक कलह पैदा करने के खिलाफ चेतावनी दी. ठाकुर ने कहा, ‘लोग भ्रामक प्रचार के शिकार नहीं होंगे...12 और 13 नवंबर को जो हुआ, वह अमरावती के इतिहास का एक काला अध्याय है. भाजपा को दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए.’


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