बर्न / नई दिल्ली: मनी लांड्रिंग और आतंकवादियों को वित्त पोषण समेत अघोषित संपत्तियों के लिए एक सुरक्षित माने जाने वाले स्विट्जरलैंड ने अपनी इस छवि को बदलने की कोशिश में लगा है. उसने अपने बैंकों में गलत तरीके से कमाई गयी रकम रखने के मामले में कार्रवाई के लिए भारत समेत अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाया है. यह बात मनी लांड्रिंग रिपोर्टिंग आफिस स्विट्जरलैंड (एमआरओएस) की सालाना रिपोर्ट से पता चतली है. इसमें कई ऐसे मामलों का जिक्र है जहां उसने मनी लांड्रिंग और आतंकवादियों के वित्त पोषण के मामलों का पता लगाने के लिये विदेशी प्राधिकरणों के साथ सहयोग किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्विस मनी लांड्रिंग कानून के तहत एमआरओएस मनी लांड्रिंग के संदर्भ में संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट प्राप्त करता है और उसका विश्लेषण करता है. और अगर जरूरत हुई तो उसे जांच एजेंसियों के पास आगे की पड़ताल के लिये भेजता है. एमआरओएस स्विस एजेंसी भी है जिसे अन्य देशों की वित्तीय खुफिया इकाइयां (एफआईयू) मनी लांड्रिंग और आतंकवादियों के वित्त पोषण को लेकर द्विपक्षीय प्रशासनिक सहायता और सूचना आदान-प्रदान के लिये अनुरोध करती हैं.



वर्ष 2018 में एमआरओएस को 104 देशों की 795 एफआईयू से सवाल मिले. यह 2017 में 94 देशों से पूछे गये 711 पूछताछ से अधिक हैं.एमआरओएस ने कहा कि विदेशों से मिले अनुरोधों की संख्या 2018 में 4,671 रही. यह 2011 की तुलना में लगभग दोगुनी हो गयी है. हालांकि एमआरओएस ने यह नहीं बताया कि उसे किन देशों से कितने अनुरोध मिले.