Narendra Modi leadership: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "डिमांडिंग, लेकिन काम करने की आजादी देने वाला बॉस" करार दिया है. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के साथ काम करने में तैयारी और तर्क का बड़ा महत्व है. जयशंकर ने कहा कि जब भी प्रधानमंत्री के साथ किसी मुद्दे पर चर्चा होती है, तो उससे पहले अच्छी तरह से तैयार रहना पड़ता है और अपने तर्क मजबूत करने पड़ते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इंटरैक्टिव फैसले लेते हैं प्रधानमंत्री


जयशंकर ने बताया कि पीएम मोदी केवल अपने निर्णयों पर अडिग नहीं रहते, बल्कि सामने वाले की बात भी ध्यान से सुनते हैं. उन्होंने उन्हें एक "इंटरैक्टिव बॉस" कहा जो किसी निर्णय के दौरान विचार-विमर्श को महत्व देते हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि मोदी के साथ उनके काम करने का अनुभव इसलिए भी विशेष है क्योंकि वह कर्मचारियों को फैसले लेने के बाद पूरी आजादी देते हैं.


यूक्रेन संकट में दिखाई नेतृत्व क्षमता


यूक्रेन संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व सराहनीय रहा. जयशंकर ने कहा कि जब पीएम मोदी ने फैसला कर लिया कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालना है, तो उन्होंने हर संभव मदद का निर्देश दिया. "चाहे वायु सेना की मदद हो, नागर विमानन से समर्थन हो या मंत्रियों को भेजना हो, प्रधानमंत्री ने खुलकर सहायता दी," जयशंकर ने बताया.


स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी


जयशंकर ने स्पष्ट किया कि मोदी की "काम करने की स्वतंत्रता" का अर्थ यह नहीं है कि वे जिम्मेदारियों से दूर रहते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कार्यों पर नजर बनाए रखते हैं, लेकिन छोटी-छोटी बातों में दखल नहीं देते. इस स्वतंत्रता के कारण जयशंकर ने प्रधानमंत्री के साथ काम करने का अनुभव काफी सकारात्मक बताया.


बहुध्रुवीय विश्व में भारत का बढ़ता प्रभाव


जयशंकर ने कहा कि आज दुनिया एक अधिक बहुध्रुवीय बन रही है, और भारत भी इसका प्रमुख हिस्सा है. उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति और अंतरराष्ट्रीय स्थिति को देखकर यह स्पष्ट होता है कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. यह बदलाव भारत के बढ़ते आर्थिक प्रभाव और नीति में हुए बदलावों का प्रतीक है.


पुरानी औद्योगिक अर्थव्यवस्थाएं अभी भी महत्वपूर्ण


जयशंकर ने यह भी बताया कि पश्चिम की औद्योगिक अर्थव्यवस्थाएं अब भी प्रमुख निवेश लक्ष्य बनी हुई हैं. उन्होंने कहा कि इन अर्थव्यवस्थाओं में निवेश के अवसर अभी भी व्यापक हैं और उन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि औद्योगिक देशों का यह महत्व प्रौद्योगिकी और नवाचार के केंद्र के रूप में बना रहेगा.


भारत-अमेरिका संबंधों पर टिप्पणी


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संदर्भ में जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई राष्ट्रपतियों के साथ तालमेल बनाकर अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत किया है. उन्होंने कहा कि भारत ने ट्रंप के सत्ता में वापसी पर भी सकारात्मक रुख अपनाया है और इसमें कोई चिंता नहीं दिखाई.