Army Dog Phantom Martyr: जम्मू-कश्मीर के सुंदरबनी सेक्टर के असन इलाके में आतंकियों के खिलाफ चल रहे एक ऑपरेशन में भारतीय सेना का खोजी कुत्ता ‘फैंटम’ शहीद हो गया. आतंकियों द्वारा सेना के काफिले पर फायरिंग करने के बाद फैंटम ने दुश्मनों का सामना करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. उसकी बहादुरी और वफादारी की हर कोई तारीफ कर रहा है. इस घटना ने न केवल सेना के जवानों बल्कि पूरे देशवासियों को झकझोर दिया है. फैंटम की बहादुरी की गाथा ने यह साबित कर दिया कि सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि हमारे चार-पैरों वाले साथी भी देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने में पीछे नहीं रहते.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

फैंटम की बहादुरी के बारे में जानकारी देते हुए व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने ट्वीट किया, "जैसे ही हमारे जवान आतंकियों को घेरने में लगे थे, फैंटम ने दुश्मनों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया और गोलियां झेलते हुए शहीद हो गया. उसकी बहादुरी, वफादारी और सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा." इस ऑपरेशन में अब तक एक आतंकी को मार गिराया गया है और उसके पास से हथियार भी बरामद हुए हैं.


फैंटम एक खोजी कुत्ता था, जिसने कई अभियानों में सेना की सहायता की थी. उसकी तेज सूंघने की क्षमता और सतर्कता ने कई बार सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की. इस ऑपरेशन में उसने एक बार फिर अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए आतंकियों का ध्यान अपनी ओर खींचा, ताकि सैनिक सुरक्षित रह सकें. उसकी इस बलिदानी भूमिका को हमेशा याद किया जाएगा.


जम्मू के अखनूर के भट्टल इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच एक बड़े मुठभेड़ की खबर सामने आई है. सेना द्वारा इस इलाके में एक आतंक विरोधी अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अब तक एक आतंकी को मार गिराया गया है. इस ऑपरेश के दौरान ही बहादुर डॉग "फैंटम" शहीद हो गया.


सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा बलों को इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्होंने भट्टल इलाके में एक व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया. इस ऑपरेशन में सेना की एक विशेष टीम के साथ फैंटम को भी तैनात किया गया था. फैंटम ने इलाके की बारीकी से तलाशी लेते हुए अपनी जान पर खेलकर आतंकियों की पोजिशन का पता लगाया.


सुरक्षा बलों के अनुसार, फिलहाल ऑपरेशन जारी है और दो और आतंकियों के छुपे होने की संभावना है. इलाके को चारों ओर से घेर लिया गया है और सुरक्षाबलों ने सतर्कता बढ़ा दी है ताकि आतंकियों को भागने का कोई मौका न मिले. फैंटम की बहादुरी को देखते हुए सेना और स्थानीय प्रशासन ने उसे श्रद्धांजलि अर्पित की है. फैंटम का बलिदान एक यादगार मिसाल बन गया है, जिसने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकियों का पता लगाया और सुरक्षाबलों को सही दिशा दी.