Sharad Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को प्रदेश सरकार के मंत्री दिलीप वलसे पाटिल समेत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर सत्ता के लिए उनकी पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि यह कदम ठीक नहीं था.


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पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं और अंबेगांव विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार देवदत्त निकम के समर्थकों को संबोधित करते हुए उन पर नेताओं पर प्रहार किया जो उन्हें छोड़कर ‘महायुति’ में शामिल हो गये थे.


राकांपा (एसपी) ने अंबेगांव से मौजूदा विधायक वलसे पाटिल के खिलाफ निकम को टिकट दिया है


पवार ने कहा कि राकांपा ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर लड़ाई लड़ी और 54 सीटें जीतीं.


उनका कहना था, ‘‘हमने (एमवीए) सरकार बनाई और उस सरकार में जिले से अपने दो सहयोगियों को प्रतिनिधित्व दिया. एक अंबेगांव (वलसे पाटिल) से था और दूसरा बारामती (अजित पवार) से था.’’


राकांपा संस्थापक ने कहा कि उन्होंने पुणे जिले की इंदापुर तहसील को भी अधिक प्रतिनिधित्व दिया है क्योंकि उनके प्रतिनिधि (दत्तात्रय भरणे) को मंत्री पद दिया गया है.


उन्होंने कहा कि यह राकांपा ही थी जिसने इन नेताओं को शक्तियां दीं और पार्टी को सफलता राकांपा कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत के कारण मिली थी.


पवार ने कहा, ‘‘पार्टी उस सफलता के कारण सत्ता में आई और ये लोग मंत्री बने. लेकिन हमारे कुछ साथियों को ये बात याद नहीं रही. हमारे कुछ सहयोगियों ने 54 में से 44 विधायकों को छीन लिया और दूसरे पक्ष में शामिल हो गए और राज्य में गलत छवि बनाई.’’


वह वर्ष 2023 में अजित पवार और उनके साथी विधायकों द्वारा सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए भाजपा और शिवसेना के साथ जाने के बाद राकांपा में हुए विभाजन का जिक्र कर रहे थे.


इस विभाजन के बाद अजित पवार गुट को निर्वाचन आयोग से पार्टी का नाम और घड़ी का चुनाव चिह्न दिया था.


(पीटीआई इनपुट के साथ)