Karti Chidambaram Case: वीजा रिश्वत मामले में कार्ति चिंदबरम की अग्रिम जमानत अर्जी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा. इससे पहले राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कार्ति चिंदबरम की अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया था. कार्ति चिंदबरम ने निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है.


मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रडार पर हैं कार्ति


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साल 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से संबंधित घोटाले में कार्ति और बाकी के खिलाफ ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया हुआ है, तब कार्ति के पिता पी चिंदबरम देश के गृह मंत्री थे.


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कार्ति के वकील कपिल सिब्बल की दलील


कार्ति चिंदबरम की ओर से कपिल सिब्बल ने दलील रखी. उन्होंने कहा- ऐसे कोई सबूत नहीं है, जिनके जरिए ये साबित हो कि रिश्वत के बदले वीजा दिए गए हों. ED ये साबित नहीं कर पाई कि पैसा कार्ति या भास्करन तक पहुंचा. इस मामले में दर्ज FIR में तत्कालीन गृह मंत्री का जिक्र तो है, पर गृह सचिव का नहीं. जिन्होने वीजा जारी किया. ऐसा इसलिए क्योंकि वो मौजूदा कैबिनेट में मंत्री है. ट्रायल कोर्ट के जज का इस निष्कर्ष पर पहुंच जाना कि जमानत मिलने पर कार्ति जांच में सहयोग नहीं करेंगे, गलत है. कार्ति जांच से भागने वाला नहीं है. वो जांच में सहयोग देने के लिए हमेशा तैयार है.


ED ने जमानत अर्जी का विरोध किया


ED की ओर से पेश हुए ASG एस वी राजू ने कार्ति चिंदबरम की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया. उन्होंने कहा कि कार्ति की याचिका समय से पहले दायर की गई है. उनकी ओर से जताई गई गिरफ्तारी की आशंका गैरवाजिब है. उनके वकील ऐसे बात कर रहे हैं जैसे जांच पूरी हो गई हो, जबकि हकीकत तो ये है कि अभी जांच शुरू ही नहीं हुई है. ED ने अभी इस मामले में सिर्फ ECIR दर्ज की है. ED की ओर से उन्हें समन तक जारी नहीं हुए हैं. हालांकि जांच के लिहाज से ये स्टेज अहम है. अभी जमानत देना ठीक नहीं रहेगा.



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