BSP expels MP Danish Ali: बसपा ने अपने लोकसभा सांसद दानिश अली को पार्टी से निलंबित कर दिया है. उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में यह कार्रवाई की गई है. यह आदेश पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के आदेश पर की गई है. पार्टी ने इस आदेश से जुड़ा पत्र भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जारी किया है. 


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'मौखिक चेतावनियों का पालन नहीं'


पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की ओर से दानिश अली को संबोधित करते हुए एक पत्र भी जारी किया गया है. इस पत्र में मिश्रा ने लिखा है, 'आपको अनेक बार मौखिक रूप में कहा गया कि आप पार्टी की विचारधारा, अनुशासन और नीतियों के खिलाफ जाकर कोई भी काम नहीं करेंगे. इसके बावजूद आप लगातार पार्टी के विरुद्ध कार्य करते आ रहे हैं.' 


'देवगौड़ा की सिफारिश पर मिला टिकट'


मिश्रा के पत्र के अनुसार, 'आप वर्ष 2018 तक देवगौड़ा जी की जनता पार्टी के सदस्य के रूप में काम कर रहे थे. उस दौरान कर्नाटक में हुए चुनावों में बीएसपी ने जनता पार्टी के साथ चुनाव लड़ा था. आप उस दौरान देवगौड़ा की पार्टी की ओर से काफी सक्रिय रहे थे. उन चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद देवगौड़ा के अनुरोध पर आपको अमरोहा लोकसभा सीट से बीएसपी का टिकट दे दिया गया.'



'पार्टी के प्रति वफादार रहने का आश्वासन'


बसपा महासचिव के अनुसार, 'संसदीय चुनाव का टिकट मिलने पर देवगौड़ा ने आश्वासन दिया था कि आप हमेशा पार्टी की नीतियों और आदेशों का पालन करेंगे और हमेशा पार्टी के हितों को आगे बढ़ाएंगे. इसी आश्वासन को आपने भी उनके सामने दोहराया था. इसी आश्वासन पर भरोसा करके बसपा ने आपको सदस्यता देकर पार्टी जॉइन करवाई थी.'


पार्टी से सस्पेंड की गई मेंबरशिप


सतीश चंद्र मिश्रा ने लिखा, 'देवगौड़ा जी के आश्वासन और आपके आग्रह पर विचार कर पार्टी ने आपको अमरोहा से चुनाव लड़वाकर लोकसभा में भेजा. लेकिन आप अपने दिए गए आश्वासनों को भूलकर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गए. इसे देखते हुए आपकी बीएसपी से सदस्यता तत्काल प्रभाव से सस्पेंड की जाती है.' 


विवादों से लंबा नाता


बताते चलें दानिश अली पिछले कुछ अरसे से लगातार चर्चा में रहे हैं. मेरठ नगर निगम में हुए शपथ ग्रहण समारोह में वे विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे लेकिन उन्होंने वहां पर वंदे मातरम गायन पर खुलकर आपत्ति दर्ज करवा दी थी. इसके बाद लोकसभा में उनकी बीजेपी सांसद रमेश विधूड़ी के साथ जबरदस्त बहस हो गई थी. विधूड़ी ने उनके खिलाफ कई आपत्तिजनक शब्दों को इस्तेमाल करके फटकार लगा दी थी. इस पर दानिश अली ने संसद की विशेषाधिकार समिति के सामने अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी.