Umesh Pal Murder Case: `क्या दूसरा विकास दुबे कांड करेगी योगी सरकार`, पुलिस के एक्शन पर मायावती ने दागे सवाल
Vikas Dubey जुलाई 2020 में कानपुर देहात के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की घात लगाकर हत्या किए जाने के मामले में मुख्य अभियुक्त था. मध्य प्रदेश से कानपुर लाते वक्त रास्ते में राज्य पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया.
Mayawati Statement: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई से जनता में कानून के राज को लेकर व्यापक संदेह पैदा हो गया है और पूरा देश देख रहा है कि क्या सरकार अपराधियों को सड़क पर खत्म करने का तरीका अपनाएगी. मायावती ने दो सिलसिलेवार ट्वीट में उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस की कार्रवाई पर गम्भीर सवाल उठाए हैं.
उन्होंने कहा, प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकाण्ड के बाद इस संबंध में काफी आपाधापी में अब तक की गई पुलिस कार्रवाई जो जनता के सामने आई है, उससे लोगों के बीच प्रदेश में कानून के राज के प्रति भारी संदेह है कि क्या सरकार अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए दूसरा 'विकास दुबे काण्ड' करेगी. विकास दुबे जुलाई 2020 में कानपुर देहात के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की घात लगाकर हत्या किए जाने के मामले में मुख्य अभियुक्त था. मध्य प्रदेश से कानपुर लाते वक्त रास्ते में राज्य पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया.
प्रयागराज में पिछले महीने हुए उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों के हत्याकांड के मामले में प्रमुख अभियुक्त पूर्व सांसद अतीक अहमद के परिजन ने अहमद, उसके भाई और बेटों की फर्जी मुठभेड़ में हत्या किए जाने की आशंका जाहिर की है.
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि वैसे पुराने राजू पाल हत्याकाण्ड के गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े हुई हत्या को लेकर सरकार कानून—व्यवस्था के मामले में काफी तनाव एवं दबाव में है, मगर पूरा देश देख रहा है कि क्या सरकार कानून द्वारा कानून के राज पर अमल करेगी या अपराधियों को सड़क पर समाप्त करके अपराध रोकेगी?'
गौरतलब है कि गत 24 फरवरी को प्रयागराज में एक दुस्साहसिक वारदात में हथियारबंद बदमाशों ने पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत पर धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
मामले में शामिल बताए जा रहे अरबाज और विजय चौधरी क्रमश: गत 27 फरवरी और छह मार्च को पुलिस के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. अतीक अहमद के परिजन ने सोमवार को प्रयागराज में अहमद, उसके भाइयों और बेटों को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने की आशंका जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई थी.
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