मायावती किसके साथ? पहली बार बसपा सुप्रीमो ने कही ये मन की बात, बढ़ा सियासी पारा
Mayawati: पूरे देश में जोर-शोर से चल रही चुनावी तैयारियों के बावजूद बसपा सुप्रीमो मायावती ने अभी तक सियासी गठबंधन को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. अब उन्होंने अपना और अपनी पार्टी का रुख साफ करते हुए कहा है कि वे राज्यों के चुनाव के बाद सरकार में शामिल होने पर फैसला करेंगी.
Mayawati: पूरे देश में जोर-शोर से चल रही चुनावी तैयारियों के बावजूद बसपा सुप्रीमो मायावती ने अभी तक सियासी गठबंधन को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. अब उन्होंने अपना और अपनी पार्टी का रुख साफ करते हुए कहा है कि वे राज्यों के चुनाव के बाद सरकार में शामिल होने पर फैसला करेंगी. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता मायावती ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद सरकारों में शामिल होने पर विचार करेगी. ताकि ‘सत्ता संतुलन’ और हाशिये पर रह रहे लोगों का उत्थान सुनिश्चित किया जा सके.
यहां बसपा नेताओं की एक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि चार राज्यों में कमजोर वर्गों और मुसलमानों की बेहतरी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि एक मजबूत और अहंकारी सरकार के बजाय एक गठबंधन सरकार सत्ता में हो जो लोगों के कल्याण के लिए काम करने के लिए बाध्य हो.
पार्टी द्वारा जारी बयान में मायावती ने कहा कि अपनी उपस्थिति से बसपा ने कई राज्यों में सत्ता संतुलन स्थापित किया जिसकी वजह से दलित समुदाय का ‘राजनीतिक सम्मान’ बढ़ा. उन्होंने कहा, लेकिन स्वार्थी लोगों ने समाज के बजाय अपने हितों को प्राथमिकता दी और जातिवादी पार्टियों के साथ चले गए.
इस साल अक्टूबर-नवंबर में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के साथ ही मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)