नई दिल्ली: राष्ट्रीय नागरीक रजिस्टर (NRC) के बाद अब मोदी सरकार नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लाने की तैयारी में है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा. सरकार ने आज बुधवार (4 दिसंबर) सुबह कैबिनेट की अहम बैठक बुलाई है. माना यह जा रहा है कि इस बैठक में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दी जा सकती है. 


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सूत्रों के हवाले से खबर है कि आज होनेवाली कैबिनेट की बैठक में सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को मंजूरी मिलने की संभावना है. ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार की कोशिश इसी हफ्ते बिल को पेश करने की है. जानकारी के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर पूर्वी राज्यों के नेताओं के साथ बिल पर आम सहमति बनाने की कोशिश की है.


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दो दिन तक शाह ने उत्तर पूर्व के राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य स्टॉकहोल्डर के साथ बैठक की थी. सरकार की कोशिश रही है कि सबको भरोसे में लेकर ही बिल लाया जाए. माना जा रहा है कि अमित शाह की कोशिश से इस बिल का विरोध कर रहे उत्तर पूर्व के कुछ राज्य भी अब सहमत हो गए हैं. हालांकि कांग्रेस, वाम और अन्य दल इसका विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि इसमें मुस्लिमों को भी शामिल किया जाना चाहिए.


उधर, सरकार यह मानना है कि ऐसे में रोहिंग्या को भी भारत की नागरिकता मिल जाएगी. जबकि वे घुसपैठिए हैं. सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान या अन्य देशों से आनेवाले हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. यह वर्ग इन देशों में सदियों से पीड़ित हैं.