हरीश रावत पर कैप्टन अमरिंदर का पलटवार, बोले- मेरी जगह खुद को रख कर देखें
कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक से महज कुछ घंटे पहले जिस अपमानजनक तरीके से उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, वह सार्वजनिक रिकॉर्ड का एक विषय है.
चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल उठाये जाने के कुछ ही घंटों बाद शुक्रवार को कांग्रेस नेता हरीश रावत पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका यह बयान पार्टी की दयनीय हालत के चलते आया है. कैप्टन ने खुद के दबाव में होने की रावत की टिप्पणी की हंसी उड़ाते हुए एक बयान में कहा, ‘मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा देने से तीन हफ्ते पहले, मैंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को अपने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने मुझे पद पर बने रहने को कहा था.’
क्या कहा था हरीश रावत ने
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से उन पर सिर्फ कांग्रेस के प्रति निष्ठावान होने का दबाव था क्योंकि इसके चलते ही वह बार-बार अपमान को सहन कर रहे थे. पंजाब कांग्रेस प्रभारी रावत ने शुक्रवार को देहरादून में कहा कि भाजपा यदि राज्य में अमरिंदर सिंह को अपना मुखौटा बनाने की कोशिश करती है तो उन्हें (सिंह को) इसे खारिज कर देना चाहिए. दरअसल, सिंह ने कहा था कि वह पार्टी छोड़ देंगे क्योंकि वह काफी अपामानित किये गये हैं. रावत ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे भाजपा नेताओं से सिंह की नजदीकी उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल खड़े करती है.
कैप्टन का रावत को जवाब
रावत के बयान पर कैप्टन ने कहा कि उनके कटु आलोचक और दुश्मन भी इस बारे में उनकी सत्यनिष्ठा पर संदेह नहीं जताएंगे. लेकिन मैं अब हैरान नहीं हूं कि रावत जैसे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता मेरी धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल खड़े कर रहे हैं. यह बिल्कुल जाहिर है कि जिस पार्टी में मैंने कई वर्षों तक निष्ठा के साथ सेवा दी, वहां अब मुझ पर विश्वास नहीं रहा और मेरा सम्मान नहीं रहा. उन्होंने कहा, ‘पार्टी ने अब पंजाब में खुद को जिस दयनीय हालत में पाया है, यह टिप्पणी उसी के चलते आई है.
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'दुनिया ने मेरा अपमान देखा'
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक से महज कुछ घंटे पहले जिस अपमानजनक तरीके से उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, वह सार्वजनिक रिकॉर्ड का एक विषय है. उन्होंने कहा, ‘दुनिया ने मेरे साथ हुए अपमान को देखा और फिर भी श्रीमान रावत इसके उलट दावे कर रहे हैं.’ उन्होंने सवाल किया, ‘यदि यह उस वक्त अपमान नहीं था तो और क्या था?’ सिंह ने कहा कि रावत को खुद को उनकी जगह रख कर देखना चाहिए, तब शायद ‘वह महसूस करेंगे कि पूरा प्रकरण कितना अपमानजनक था.’
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