नई दिल्ली: सीबीआई ने वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक मामला दर्ज किया है. इस बात की अधिकारियों ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धूत पर मोजम्बिक में अपनी तेल एवं गैस परिसंपत्तियों को वित्त प्रदान करने में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) नीत बैंकों के एक समूह के अज्ञात अधिकारियों की मिलीभगत के साथ भ्रष्टाचार करने के आरोप हैं.


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जांच एजेंसी ने तेल मंत्रालय की एक शिकायत पर शुरूआती छानबीन के बाद एफआईआर दर्ज की है.


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छानबीन में यह पाया गया कि 2008 में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की अनुषंगी, वीडियोकॉन हाइड्रोकार्बन होल्डिंग लिमिटेड (वीएचएचएल) ने मोजम्बिक में अमेरिकी कंपनी अनादारको से रोउमा क्षेत्र 1 ब्लॉक में तेल एवं गैस ब्लॉक में 10 प्रतिशत भागीदारी रूचि हासिल की.


मोजम्बिक स्थित परिसंपत्ति को बाद में ओएनजीसी विदेश लिमिटेड और ऑयल इंडिया लिमिटेड ने जनवरी 2014 में खरीद लिया. अप्रैल 2012 में एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के एक समूह ने मोजम्बिक,ब्राजील और इंडोनेशिया में अपने तेल एवं गैस परिसंपत्तियों के विकास के लिये ‘स्टैंडबाय लेटर ऑफ क्रेडिट’ (एसबीएलसी) सुविधा दी. साथ ही, इस संबंध में वित्त आवंटन की अन्य जरूरतों भी पूरी की.


बैंकों के इस समूह में आईसीआईसीआई बैंक और आईडीबीआई बैंक भी शामिल थे. हालांकि, इस कर्ज के एक हिस्से को ‘री-फायनेंस’ किया गया, जिसमें स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (एससीबी), लंदन को 40 करोड़ डॉलर का बकाया भी शामिल है.


लगभग 10 महीने बाद वीआईएल ने समूह से कहा कि एससीबी का ऋण बढ़ गया है, उसने इसका भुगतान करने का अनुरोध किया और तेल एवं गैस परिसंपत्ति का प्रभार संभाल लिया. समूह ने बढ़ी हुई रकम को बगैर जांच किये कथित तौर पर मंजूरी प्रदान कर दी.


एजेंसी ने आरोप लगाया, ‘तथ्यों एवं प्रथम दृष्टया परिस्थितियों से यह प्रदर्शित होता है कि एसबीआई के नेतृत्व में ऋण दाता बैंकों के अज्ञात अधिकारियों ने धूत के साथ साजिश रच कर वीएचएचएल को एससीबी से सुविधा का लाभ उठाना जारी रखने दिया. इस तरह वीडियोकॉन को गलत तरीके से फायदा हुआ तथा भारतीय सार्वजनिक उपक्रम बैंकों को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया गया.’