लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मनीष गुप्ता केस की CBI जांच होगी. यूपी सरकार ने सीबीआई जांच कराने का फैसला लिया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पीड़ित परिवार के लिए 30 लाख रूपये की और सहायता राशि भी स्वीकृत कर दी है. इससे पहले कल (गुरुवार) 10 लाख रुपये का चेक दिया गया था. पुलिस कमिश्नर असीम अरुण और विधायक सुरेंद्र मैथानी 30 लाख का चेक पीड़ित परिवार को सौंपेंगे. परिजनों से मिलकर मुख्यमंत्री ने सहायता राशि बढ़ाने का आश्वासन दिया था. 


क्या है मामला?


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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) में प्रॉपर्टी कारोबारी की मौत की घटना (Manish Gupta Death Case) ने यूपी पुलिस (UP Police) को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. 27 सितंबर की रात गोरखपुर के एक होटल में 6 पुलिसवालों की टीम चेकिंग करने के लिए गई थी. चेकिंग के दौरान कारोबारी मनीष गुप्ता और उनके साथियों की पुलिस से बहस हो गई. इसके बाद कानपुर के रहने वाले मनीष की मौत हो गई.


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चश्मदीद ने बताई अंदर की बात


परिवार का आरोप है कि पुलिसवालों ने मनीष की हत्या की. हालांकि पुलिस कह रही है कि पैर फिसलने से मनीष की मौत हुई. सच क्या है इसकी जांच हो रही है. लेकिन चश्मदीद हरबीर ने बताया कि पुलिसवालों ने मनीष गुप्ता की पिटाई की थी. मनीष गुप्ता के सवाल पूछने पर पुलिसवाले भड़क गए थे. पुलिसवालों ने थाने में बंद करने की धमकी दी थी. आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने पीटने का आदेश दिया था. मनीष गुप्ता को लिफ्ट से घसीट कर पुलिसवाले ला रहे थे. पिटाई के बाद मनीष की नाक से खून बह रहा था.


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