नई दिल्ली : केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) को मंगलवार को नया चीफ मिल सकता है। गौर हो कि सीबीआई के मौजूदा चीफ रंजीत सिन्हा दो दिसंबर यानी आज पद से अवकाश प्राप्त कर रहे हैं और आज सीबीआई अफसर उन्हें विदाई देंगे। राष्ट्रपति की ओर से सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति के लिए दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैबलिशमेंट (संशोधन) विधेयक-2014 को मंजूरी दिए जाने के बाद नए सीबीआई चीफ का रास्‍ता साफ हो गया था।


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जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीबीआई प्रमुख रंजीत सिन्हा के उत्तराधिकारी का फैसला करने के लिए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। सिन्हा आज अपना पद छोड़ रहे हैं। इस वर्ष लोकपाल कानून के लागू होने के बाद सीबीआई निदेशक की यह पहली नियुक्ति होगी। इस शीर्ष पद के लिए जिन उम्मीदवारों के नामों की चर्चा चल रही है उनमें राजस्थान पुलिस के महानिदेशक ओमेन्द्र भारद्वाज और गृह मंत्रालय में विशेष सचिव प्रकाश मिश्रा शामिल हैं। दोनों राजस्थान और ओडिशा से 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।


1978 बैच के आईपीएस अधिकारी और इस समय केरल पुलिस के प्रमुख केएस बालासुब्रमण्यम का नाम भी इस पद की दौड़ में शामिल है। सीबीआई प्रमुख की चयन समिति में लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को शामिल किये जाने संबंधी संशोधित प्रक्रिया को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मंजूरी के साथ नये सीबीआई निदेशक की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया था। सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो रहा है। समिति में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे और भारत के प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू या उनके द्वारा नामित किए गए कोई प्रतिनिधि होंगे।


लोकसभा ने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) विधेयक, 2014 में संशोधन को बुधवार को पारित किया था और अगले दिन इसे राज्यसभा की मंजूरी मिल गई। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति मुखर्जी ने शनिवार को विधेयक पर अपनी मुहर लगाई थी। डीएसपीई (संशोधन) अधिनियम, 2014 के अनुसार लोकसभा में मान्यता प्राप्त नेता प्रतिपक्ष नहीं होने पर सीबीआई प्रमुख के नाम की सिफारिश करने वाली समिति में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को शामिल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि लोकसभा में अपने सदस्य को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग कर रही कांग्रेस की सीबीआई निदेशक की चयन प्रक्रिया में भूमिका होगी।


अधिनियम के अनुसार, किसी निदेशक की नियुक्ति महज इस वजह से अवैध नहीं होगी कि समिति में कोई पद खाली है या कोई सदस्य अनुपस्थित है। मौजूदा प्रावधानों के अनुसार सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति केंद्र सरकार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की सिफारिश के आधार पर करेगी। इससे पहले केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की अगुवाई वाली समिति सीबीआई निदेशक के नाम की सिफारिश करती थी। सरकार ने डीएसपीई कानून में संशोधन इसलिए किया क्योंकि लोकसभा में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं है। इससे अब चयन प्रक्रिया में मल्लिकाजरुन खडगे को शामिल किए जाने का रास्ता साफ हो गया है जो लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं।