नई दिल्लीः स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि देश में भले ही कोरोना संक्रमण के मामले कम हो रहे हों लेकिन यह वक्त बेहद सख्त है. राज्य सरकारों को टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट में इसी तरह की तेजी बनाए रखने की जरूरत है नहीं तो फिर से मुश्किल भरे हालातों से गुजरना पड़ सकता है. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में लगातार संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों में स्थिति ठीक विपरीत है. 


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उन्होंने कहा, 'केरल, पश्चिम बंगाल और दिल्ली ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना संक्रमण बीते दिनों के मुकाबले तेजी से बढ़ा है. ऐसे में हमें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा कि वह अपनी वैक्सीन कमेटी और राज्य में अपने तंत्र को तैयार करके रखें.' उन्होंने कहा कि जैसे ही टीका तैयार होगा उसको एक मैकेनिजम के जरिए सभी राज्यों में लोगों तक पहुंचाया जाएगा.


दुनिया के मुकाबले बेहतर स्थिति में भारत
स्वास्थ्य सचिव के अनुसार, देश में कोरोना के एक्टिव मामले 5 लाख 41 हजार के आसपास ही रह गए हैं. नीति आयोग के मेंबर डॉ वीके पॉल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अभी भी लोगों को बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है. देश में जो भी आज तक हमें फायदा हुआ है उसको बनाए रखना होगा. जनता से निवेदन है कि जब भी उन्हें कोरोना के सिम्प्टम्स महसूस हों तुरंत टेस्ट कराएं. यह आपके परिवार और समाज के लिए अच्छा है. ऐसा करने से देश बेहतर तरीके से इस माहमारी से मुकाबला कर सकता है. उन्होंने कहा कि दुनिया के मुकाबले आज भारत बेहतर स्थिति में है और संक्रमण के मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं.


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डॉ पॉल ने आगे कहा कि कोरोना के टीके के अलावा इसके ट्रीटमेंट पर भी रिसर्च जारी है कि कौन-सी दवा बेहतर होगी या किस दवा से कोरोना महामारी का पूरी तरह से इलाज हो सकता है. हालांकि यह रिसर्च अभी तक पूरी नहीं हुई है. इस संबंध में आईसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि फिलहाल लोगों के लिए संक्रमण से बचाव करना ही बेहतर तरीका है.