Center on security lapse of Rajnath Singh and Priyanka Gandhi: राजस्थान में दौरे के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रियंका गांधी की सुरक्षा में चूक को केंद्र सरकार ने गंभीर माना है. केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को लिखे पत्र में मामले में दोषियों का पता लगाकर की गई कार्रवाई से अवगत कराने को कहा है. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले दोषियों पर क्या गाज गिरेगी?
 
राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हटाकर बीजेपी की सरकार बनी. पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री मनोनीत किया गया. भजनलाल शर्मा का 15 दिसम्बर को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया. रामनिवास बाग अल्बर्ट हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कई केंद्रीय मंत्री, कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री सहित कई वीवीआईपी पहुंचे थे. इस दौरान रक्षा मंत्री की सुरक्षा में उल्लंघन का मामला सामने आया.


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जाम में फंसे रक्षामंत्री, कारकेड के लिए करना पड़ा इंतजार 


इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का काफिला लगभग 10 मिनट तक सवाई मान सिंह अस्पताल के पास ट्रैफिक जाम में फंसा रहा. जयपुर पुलिस ने रास्ता बनाने के लिए कोई उपाय नहीं किया, जिससे रक्षामंत्री 10 मिनट तक असुरक्षित रहे. उसी दिन, राजस्थान के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के समापन पर प्रधान मंत्री के कार्यक्रम स्थल से चले जाने के बाद काफी देर तक काफिला रक्षामंत्री के पिक-अप प्वाइंट पर नहीं पहुंचा. इस दौरान जब अन्य गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम स्थल से बाहर जा रहे थे और रक्षामंत्री को कारकेड के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ा.


जेड प्लस सुरक्षा फिर भी लंबे समय तक...


रक्षा मंत्रालय के उपसचिव संजय धर ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने के लिए कहा है. मंत्रालय ने कहा कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह एनएसजी कवर के साथ जेड + सुरक्षा प्रोटेक्टी और विशेष योजना के तहत कवर हैं. इसके बावजूद कारकेड कर्मचारियों की निष्क्रियता के कारण लंबे समय तक असुरक्षित स्थिति में रहे, जिसमें जयपुर पुलिस, दिल्ली पुलिस के एसीपी और एनएसजी के टीम कमांडर शामिल थे.


मामले में कार्रवाई कर पालना रिपोर्ट मांगी


रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भविष्य में ऐसी चूक की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए जयपुर पुलिस की निष्क्रियता के संबंध में तत्काल प्राथमिकता के आधार पर उपाय किए जाएं. साथ ही इस संबंध में की गई कार्रवाई से रक्षा मंत्रालय को सूचना देने के लिए कहा गया है.


प्रियंका की सुरक्षा में हुई खामियां 


कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की सुरक्षा में विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान और मध्यप्रदेश में खामियां देखी गई. केंद्रीय गृहमंत्रालय ने राजस्थान और मध्यप्रदेश के मुख्य सचिवों को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मध्यप्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान यह चूक हुई थी. केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी ने गृह मंत्रालय को सुरक्षा में हुई चूक के बारे में जानकारी दी थी.


प्रियंका गांधी के मंच पर चढ़े समर्थक


प्रियंका गांधी 12 अक्टूबर 2023 को मध्यप्रदेश के मंडला में चुनाव प्रचार के लिए गई थी. उस दौरान बड़ी संख्या में समर्थक प्रियंका के साथ पीछे की ओर से मंच तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. इस कारण मंच के प्रवेश ढांचे पर दबाव पड़ा और एक क्षैतिज खंभा जमीन पर गिर गया. हालांकि, तब तक प्रियंका मंच पर पहुंच चुकी थी और इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ. लेकिन यह सुरक्षा में बड़ी चूक मानी गई.


कांग्रेस नेता ने भी कई जगह किया उल्लंघन


इसी तरह 20 अक्टूबर को 2023 राजस्थान के दौसा सवाई माधोपुर दौरे के दौरान सुरक्षा खामी देखने को मिली. प्रियंका गांधी ने तय नहीं होने के बावजूद बिना निर्धारित यात्रा की. इसके अलावा 28 अक्टूबर 2023 को मध्यप्रदेश के दमोह में प्रियंका गांधी बीआर वाहन में नहीं बैठी. वो कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को अपनी कार में ले गईं और पीएसओएस को अन्य वाहन में बैठने के लिए कहा गया. सुरक्षा एजेंसियों ने इसे प्रियंका गांधी की सुरक्षा का उल्लंघन माना है.इधर राज्य सरकार ने वीवीआईपी सुरक्षा में हुई चूक के इन मामलों की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा है. मामले की जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर किस स्तर पर चूक हुई है.