नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बढ़ते संक्रमण से पूरा देश परेशान है, लेकिन इस बीच रिश्वतखोर और भ्रष्टाचारी इसका फायदा उठाने में लगे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार को कोरोना वायरस से संबंधित भ्रष्टाचार की 40 हजार शिकायतें मिली हैं, इसमें रिश्वतखोरी, सरकारी अधिकारियों द्वारा गबन और सरकारी अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न के मामले शामिल हैं.


अब तक कुल 1.67 लाख से अधिक शिकायतें मिली


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सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से संबंधित शिकायतों के तुरंत समाधान के लिए इस साल अप्रैल में एक पोर्टल बनाया था. इस पर अब तक कुल 1.67 लाख से अधिक शिकायतें मिली हैं, जिनमें से लगभग 1.5 लाख शिकायतों को देखा गया है. इन शिकायतों को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग की वेबसाइट पर डाला गया है.


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'प्रगति' की बैठक में सामने आया मामला


हिंदुस्तान टाइम्स ने एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि यह मुद्दा सबसे पहले 25 नवंबर को 'प्रगति' की बैठक में सामने आया था. 'प्रगति' (प्रो-एक्टिव-गवर्नेन्स एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) में विभिन्न मंत्रालय शामिल हैं और यह सरकार की प्रशासनिक सुधार के लिए की गई पहल है, जिसे साल 2015 में शुरू किया गया था.


पीएम ने अधिकारियों से की ये मांग


अधिकारी ने कहा, 'बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) यह जानना चाहते थे कि भ्रष्टाचार के बारे में कितनी शिकायतें मिली हैं और उन्हें कैसे संभाला गया.' अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मांगे गए डेटा को समेटा जा रहा है और सोमवार को बैठक में उनके सामने पेश किया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि पीएम शिकायतों की प्रवृति जानना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने तीन पी (3P)- पर्सन, प्रोसेस और पॉलिसी के बारे में जानकारी मांगी है.


किस तरह की शिकायतें आईं सबसे ज्यादा


रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकांश शिकायतें वीजा की मंजूरी, विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता को लेकर हैं. जिन श्रेणियों के तहत शिकायतें दर्ज की जाती हैं, उनमें अस्पतालों में अपर्याप्त सुविधाएं, PMCares निधि के लिए दान करने में समस्या, आवश्यक आपूर्ति नहीं करना, विदेश से भारतीयों को लाने की अपील, लॉकडाउन में कहीं फंस जाना, उत्पीड़न, लॉकडाउन का पालन न करना, परीक्षा-संबंधी और क्वारंटाइन-संबंधी जैसी समस्याएं हैं.