Chandigarh Mayor Supreme Court Hearing: कुछ दिन पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बाद भाजपा पर गंभीर सवाल उठे थे. AAP और कांग्रेस ने आरोप लगाए कि कम नंबर होने के बावजूद धांधली कर भाजपा ने मेयर चुनाव जीत लिया. सुप्रीम कोर्ट ने कैमरे की तरफ देखने वाले चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को आज तलब किया है. उनकी पेशी से कुछ घंटे पहले ही भाजपा ने जोड़-घटाना कर अपना समीकरण सेट कर लिया है. जी हां, भाजपा ने एक साथ चंडीगढ़ की सियासी पिच पर दो शॉट खेले हैं. एक तरफ आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों को भाजपा में शामिल कर अपना समीकरण सेट कर लिया. उधर, नैतिकता का हवाला देते हुए अपने महापौर मनोज सोनकर ने इस्तीफा भी दिला दिया. 


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दरअसल, आज सुबह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. इससे पहले 5 फरवरी को महापौर का चुनाव करवाने वाले निर्वाचन अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि साफ है कि उन्होंने मतपत्रों में छेड़छाड़ की थी और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. कोर्ट ने यह भी कहा था कि अधिकारी का कृत्य लोकतंत्र की हत्या और मजाक है। अदालत ने मत पत्रों और मतदान की कार्यवाही के वीडियो को सुरक्षित रखने का भी आदेश दिया था. 


दल बदल की टेंशन नहीं


सुप्रीम कोर्ट के रुख से साफ हो गया था कि वह आज फिर से चुनाव कराने का आदेश दे सकता है. इसके लिए भाजपा ने अपनी तरफ से जमीन तैयार कर ली. अब वह आसानी से जीत दर्ज कर सकती है. महापौर के चुनाव में धांधली के आरोपों पर जवाब देने से पहले ही उसने संख्याबल जुटा लिया है. खास बात यह है कि चंडीगढ़ नगर निगम में दलबदल का नियम लागू नहीं है. 


भाजपा vs AAP, किसके पास कितने पार्षद


- 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में कल तक भाजपा के 14 पार्षद थे और आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद थे. चंडीगढ़ की भाजपा सांसद किरण खेर को भी निगम के सदन में मतदान का अधिकार है. कांग्रेस के 7 और शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है. 
- भाजपा ने 30 जनवरी को मेयर चुनाव में जीत हासिल की थी. आप और कांग्रेस के गठबंधन ने निर्वाचन अधिकारी पर मत पत्रों में छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. भाजपा के मनोज सोनकर ने ‘आप’ के कुलदीप कुमार को हराया था. सोनकर को 16 और कुमार को 12 वोट मिले थे. खास बात यह है कि 36 में से आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे. 
- अब आप के तीन पार्षदों के पाला बदलने से 36 सदस्यीय सदन में 19 वोटों के साथ भाजपा बहुमत में है और आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के पास 17 वोट ही रह गए हैं. पिछली बार अकाली दल ने भाजपा के सपोर्ट में वोट किया था. 


वो तीन कौन हैं?


AAP के तीन पार्षद नेहा, पूनम और गुरुचरण काला ने अपनी पार्टी पर 'फेक' होने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री की तारीफ की है. पूनम देवी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के काम से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुई हैं. नेहा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने उनसे झूठे वादे किए.